Lok Sabha Election 2019: मशहूर शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्ला खां के पोते ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनके नामांकन प्रक्रिया में शामिल होने का आग्रह किया है। बिस्मिल्ला खां के पोते नासिर अब्बास बिस्मिल्ला ने पीएम को लिखे पत्र में कहा, ‘मेरी इच्छा है कि मैं आपके नामांकन प्रक्रिया में शामिल रहूं। इसमें शामिल होने की हमारी इच्छा है।’
नासिर ने आगे लिखा, ‘यदि हमें मौका मिलेगा तो हम इसे स्वीकार करेंगे।’ उन्होंने कहा कि कुछ कांग्रेसियों ने उनके परिवार के बड़े लोगों को बहका दिया था जिस वजह से वह साल 2014 में यह मौका स्वीकार नहीं कर पाए थे। नासिर ने पीएम को लिखे पत्र में कहा, ‘सविनय निवेदन है कि मैं नासिर अब्बास बिस्मिल्ला ग्रांडसन ऑफ भारत रत्न स्व. उस्ताद बिस्मिल्लाह खां अपके प्रति अति नम्र निवेदन व ख्वाहिश है कि आप हमारे शहर वाराणसी से पुनः लोकसभा सीट हेतु नामांकन कर रहे हैं जिसमें मैं भी आपके नामांकन के समय उपस्थित रहना चाहता हूं।
ये हमारे लिए बहुत ही यादगार व एक सद्भावना का पैगाम रहेगा- आपको याद दिलाना चाहता हूं कि विगत एक वर्ष पूर्व मैंने अपने दादा जी की एक शहनाई जिस पर वे धुन बजाया करते थे आपके हाथों राष्ट्र को समर्पित किया था जो वाराणसी के बड़ा लालपुर स्थित Trade Facilitation Centre and Craft Museum में रखी है।
Nasir Abbas Bismillah, grandson of Shehnai maestro late Ustad Bismillah Khan on letter to PM asking to join his nomination process: It’s our desire to join him. If we get an offer we’ll accept; regret we didn’t accept in 2014 as few Congressmen brainwashed our elders. pic.twitter.com/jNE4xfnJ7m
— ANI (@ANI) April 12, 2019
हमें आपसे पूरी उम्मीद ही नहीं बल्कि पूरा यकीन है कि आप हमें अपने नामांकन कार्यक्रम में जरूर आमंत्रित करेंगे।’
पीएम इस बार भी वाराणसी से चुनाव लड़ेंगे। पीएम 26 अप्रैल को यहां से नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। मालूम हो कि प्रधानमंत्री साल 2014 में गुजरात के वडोदरा के अलावा उत्तर प्रदेश के वाराणसी से भी चुनाव लड़ा था। पीएम ने दोनों सीटों पर भारी मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी। इसके बाद पीएम ने वडोदरा सीट छोड़ दी थी।
वाराणसी में पीएम को करीब 50 फीसदी मत मिले थे। उन्होंने यहां 3.37 लाख मतों से जीत दर्ज की थी। पीएम के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अरविंद केजरीवाल दूसरे स्थान पर रहे थे। केजरीवाल को 1.79 लाख मत मिले थे। यहां पर कांग्रेस ने पीएम के खिलाफ अजय राय को मैदान में उतारा था जबकि सपा की तरफ से कैलाश चौरसिया व बसपा की तरफ से विजय कुमार जायसवाल मुकाबले में उतरे थे। साल 2014 में मिली जीत को देखते हुए पीएम ने इस बार सिर्फ वाराणसी से ही चुनाव लड़ने का फैसला किया है।