Lok Sabha Election 2019 से ऐन पहले सपा-बसपा-रालोद के गठबंधन को झटका देने के बाद निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद ने बीजेपी से हाथ मिलाने के संकेत दिए हैं। निषाद ने शुक्रवार (29 मार्च) को लखनऊ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। इससे पहले उन्होंने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए खुद की पार्टी को गठबंधन से अलग करने का ऐलान किया था। इसके साथ ही उन्होंने बयान दिया था कि वे स्वतंत्र रुप से चुनाव लड़ सकते हैं या अन्य विकल्प पर भी विचार कर सकते हैं।

अखिलेश पर लगाए थे आरोपः निषाद ने कहा, ‘अखिलेश ने हमारे लिए सीटें घोषित करने का वादा किया था लेकिन उन्होंने हमें पोस्टर-बैनर तक में जगह नहीं दी। इस रवैये से मेरी पार्टी के कार्यकर्ता और पदाधिकारी नाराज हैं।’ उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में इस बार समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं।

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अखिलेश ने इस गठबंधन में निषाद पार्टी को भी जगह देने की बात कही थी। 80 सीटों वाले देश के सबसे बड़े सूबे यूपी में यह गठबंधन 78 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुका है। हालांकि अमेठी-रायबरेली को लेकर अभी भी बीएसपी की तरफ से स्थिति पूरी तरह स्पष्ट नहीं है।

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उल्लेखनीय है कि संजय निषाद के बेटे प्रवीण ने 2018 में सपा के टिकट पर उपचुनाव लड़ा था। वे यह उपचुनाव जीतकर लोकसभा सांसद बने थे। योगी के गढ़ की यह सीट सपा-बसपा ने गठबंधन की रणनीति से जीतकर बीजेपी को बड़ा झटका दिया था। हालांकि अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि प्रवीण ने भी सपा छोड़ दी है या नहीं।

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