Lok Sabha Election 2019 से पहले संघ और बीजेपी ‘मोदी रिटर्न्स’ की तैयारी में जुटे हैं। इसी बीच मध्य प्रदेश से एक बड़ी खबर सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को विधानसभा चुनाव जैसी गलतियों से बचने की नसीहत दी है। उल्लेखनीय है कि शिवराज और संघ प्रमुख मोहन भागवत के बीच बुधवार (13 मार्च) को ग्वालियर के केदारपुर में एक मुलाकात हुई थी। इसी दौरान यह बात सामने निकलकर आई।

डोर-टूर-डोर कैंपेन पर फोकसः प्राप्त जानकारी के मुताबिक करीब आधे घंटे की इस मुलाकात में दोनों के बीच लोकसभा चुनावों के साथ ही अन्य कई मसलों पर बातचीत हुई। संघ ने अपने स्वयंसेवकों को लोगों के बीच जाने और पिछली बार की तरह डोर-टू-डोर कैंपेन पर फोकस करने को कहा है। उल्लेखनीय है कि पिछली बार संघ के जमीनी प्रचार ने बीजेपी को खासी मदद की थी। प्राप्त जानकारी के मुताबिक संगठन स्तर पर लोकसभा चुनाव के बाद बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

इस बार दिलचस्प है MP की सियासतः क्षेत्रफल की दृष्टि से देश के दूसरे सबसे बड़े राज्य में 29 लोकसभा सीटें हैं। 2014 में इनमें से 27 सीटें बीजेपी के खाते में गई थीं। कांग्रेस में सिर्फ कमल नाथ (छिंदवाड़ा) और ज्योतिरादित्य सिंधिया (गुना) ही अपनी सीट बचा पाए थे। हालांकि इसके बाद हुए उपचुनाव में रतलाम लोकसभा सीट भी कांग्रेस के खाते में चली गई थी। विधानसभा चुनाव में भी मुकाबला कांटे का था। ऐसे में खेल दिलचस्प हो गया है।

 

विधानसभा में बिगड़ा बीजेपी का खेलः राज्य में 15 सालों से बीजेपी का राज था लेकिन पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में कड़ी मशक्कत और जोड़-जुगाड़ के बाद कांग्रेस ने सरकार बना ली। राज्य की 230 विधानसभा सीटों में से 114 पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी, वहीं सत्ताधारी बीजेपी महज 109 सीटों पर अटक गई थीं। दोनों में कड़ा मुकाबला हुआ लेकिन कोई भी बहुमत के आंकड़े (116 सीट) को पार नहीं कर पाईं। इसके बाद कांग्रेस ने बसपा के दो, सपा के एक और चार निर्दलीय विधायकों के साथ मिलकर सरकार बनाई थी।