Lok Sabha Election 2019: उत्तर प्रदेश की हाई प्रोफाइल लोकसभा सीटों में से एक रायबरेली में 6 मई को मतदान होगा। कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले रायबरेली से यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी 2004 से सांसद हैं। इस बार सोनिया के खिलाफ उनके ही करीबी रहे दिनेश प्रताप सिंह बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में जनसत्ता की टीम ने रायबरेली के लोगों से बात की और पता लगाया कि यहां के मुख्य मुद्दे क्या हैं और चुनावी माहौल कैसा है?
चाटुकारों से बचें सोनिया गांधी: मुंशीगंज कस्बे के भीमनगर में रहने वाले पप्पू कुमार कहते हैं कि सोनिया को इस बार पीएम बनना चाहिए, लेकिन रायबरेली में उन्हें चाटुकारों से सावधान रहने की जरूरत है। पप्पू कहते हैं कि यह सोनिया गांधी का क्षेत्र है। उनका परिवार लंबे अरसे से यहां आता रहा है और उन्होंने जिले के लिए काम भी किया है। ऐसे में हम सोनिया को ही जिताएंगे, लेकिन उन्हें जिले में चाटुकारों से बचना चाहिए, जिससे गरीब जनता के साथ खिलवाड़ न हो। पीएम पद के सवाल पर पप्पू कुमार ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि सोनिया जी एक बार देश की पीएम बनें, लेकिन 2014 के राजनीतिक हालात देखकर यह थोड़ा मुश्किल लगता है।’’
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सोनिया और दिनेश के बीच मुकाबला: कांग्रेस के गढ़ रायबरेली में हमने लोगों से पूछा कि जिले में कौन चुनाव जीतेगा तो राना नगर निवासी गोविंद सिंह बोले, ‘‘रायबरेली से सोनिया गांधी की जीत सुनिश्चित है। बीजेपी प्रत्याशी एक क्षेत्रीय नेता हैं, जबकि सोनिया राष्ट्रीय स्तर की नेता हैं। ऐसे में दोनों के बीच कोई मुकाबला नहीं है। वहीं, भीम नगर के छेदी लाल कहते हैं कि दोनों ही प्रत्याशियों (सोनिया गांधी और दिनेश सिंह) में कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। दिनेश के प्रचार अभियान को देखकर लगता है कि इस बार रायबरेली में चुनाव दिलचस्प होगा।
क्या हैं चुनावी मुद्दे: डिग्री कॉलेज चौराहा निवासी शैलेष अवस्थी कहते हैं कि जिले में रोजगार की समस्या सबसे बड़ी है। यहां कोई बड़ी फैक्ट्री नहीं है, जिससे युवाओं को आसानी से रोजगार मिल सके। रेल कोच फैक्ट्री को लेकर उन्होंने कहा कि उससे जिले के युवाओं को कुछ खास फायदा नहीं हुआ। मुंशीगंज के कुलदीप कुमार कहते हैं कि जिले में पानी की व्यवस्था दिनों -दिन खराब होती जा रही है। कई गांवों के लोग गंदा पानी पीने को विवश हैं। उन्होंने जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर नरौका गांव का जिक्र किया। जिले के अन्य लोगों से बात करने पर भी स्वास्थ्य, सुरक्षा और रोजगार जैसे अहम मुद्दे निकलकर सामने आए, जिन पर काफी काम करने की जरूरत है।
कौन-कौन हैं चुनावी मैदान में: बता दें कि रायबरेली में कांग्रेस की ओर से सोनिया गांधी चुनाव मैदान में हैं तो बीजेपी से दिनेश प्रताप सिंह ताल ठोंक रहे हैं। सपा-बसपा गठबंधन ने रायबरेली में अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है, जबकि शिवपाल यादव की पार्टी प्रसपा ने राम सिंह यादव पर दांव खेला है। दिनेश सिंह मौजूदा समय में एमएलसी हैं तो राम सिंह सपा से जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके हैं। हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही होगा।
2014 में ऐसा था परिणाम: बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी को 5,26,434 वोट मिले थे, जबकि बीजेपी के अजय अग्रवाल को 1,73,721 और बसपा के प्रवेश सिंह ने 63,633 वोट हासिल किए थे। सोनिया गांधी ने 2014 में बीजेपी प्रत्याशी को 3,52,713 वोट से शिकस्त दी थी।