Lok Sabha Election 2019: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार का कहना है कि यदि उनकी बेटी सुप्रिया सुले बारामती से लोकसभा का चुनाव हार जाती हैं तो लोगों का लोकतंत्र से भरोसा उठ जाएगा। शरद पवार के इस बयान की राजनीतिक गलियारों में इस बात की काफी निंदा की जा रही है।
एक टेलीविजन चैनल को दिए इंटरव्यू में शरद पवार ने बुधवार को कहा कि ईवीएम से छेड़छाड़ की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। इसका लोकसभा चुनाव के परिणाम पर भी असर पड़ सकता है। पवार ने कहा कि जिन राजनेताओं ने कभी विधानसभा या लोकसभा का चुनाव भी नहीं लड़ा वो कह रहे हैं कि बारामती से एनसीपी की उम्मीदवार हार जाएगी। इस बात से आशंका पैदा हो रही है।
एक सप्ताह पहले ही पवार ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के साथ मंच साझा करते हुए मांग की थी कि वीवीपीएटी की कम से कम 50 फीसदी पर्चियों की गिनती की जाए। भाजपा के कैबिनेट मंत्री गिरीश महाजन, विनोद तावड़े और चंद्रकांत पाटिल ने पर के आरोपों पर कड़ी आपत्ति जताई थी।
महाजन ने कहा, ‘ पवार जानते हैं कि उनकी बेटी लोकसभा चुनाव हार रही है, इसलिए वह काफी सधे रूप से कदम उठा रहे हैं। वह ईवीएम पर हार की जिम्मेदारी थोपने की तैयारी कर रहे हैं।’ महाजन ने कहा कि भारतीय चुनाव आयोग को सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में सभी शंकाओं का निवारण करना चाहिए। यदि हम ईवीएम में छेड़छाड़ करने में सक्षम होते तो हम मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव नहीं हारते।
इससे पहले शरद पवार ने कहा था कि मैं कई निर्वाचन क्षेत्रों में गया हूं। लोग बदलाव के मूड में हैं। वे केंद्र और राज्य दोनों जगह बदलाव चाहते हैं। इस पर कोई सवाल ही नहीं है। शरद पवार का कहना था, ‘हमारी एकमात्र चिंता यही है कि कोई यह तकनीक का प्रयोग कर चुनाव प्रभावित करने की कोशिश करे… हमारी चिंता इन मशीनों से छेड़छाड़ की है।’
वहीं, टीडीपी के नेता और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू ने कहा था कि ईवीएम में प्रोग्रामिंग की गड़बड़ियां हो सकती हैं। उन्होंने कहा था कि भाजपा केवल छेड़छाड़ के बल पर ही वोट प्राप्त कर सकती है।

