Lok Sabha Election 2019 में चुनाव प्रचार के बीच मतदान को लेकर मुस्लिम समुदाय पर विवादित टिप्पणी के करीब एक महिला ने बाद केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने फिर से बयान दिया है। बुधवार (08 मई) को उन्होंने कहा, ‘बुरा लगता है जब लोग खुलेआम कह देते हैं कि कमल (बीजेपी का चुनाव चिह्न) को वोट नहीं देंगे।’ उन्होंने जोर देकर यह भी कहा कि उनके पिछले बयान को गलत संदर्भ में लिया गया और वो काम करते समय जाति-धर्म की बातों को महत्व नहीं देतीं।
महीनेभर पहले उन्होंने मुस्लिम समुदाय के एक कार्यक्रम में संबोधित करते हुए कहा था कि उन्हें बीजेपी को वोट देना चाहिए, क्योंकि चुनाव खत्म होने के बाद उन्हें जरूरत पड़ेगी।

पहले लगा था 48 घंटे का प्रतिबंधः पीटीआई ने मेनका के हवाले से लिखा है, ‘मैं जहां-जहां भी गई, मैंने हर जाति-धर्म के बारे में सोचा। जब हम काम करते हैं, हम सभी के लिए काम करते हैं। तब कोई कमल के फूल के बारे में नहीं सोचता, लेकिन जब वोट देने की बारी आती है तो लोग कहते हैं वे मुझे वोट नहीं देंगे क्योंकि कमल के फूल पर वोट नहीं देना चाहते। यह बुरा लगता है।’ उल्लेखनीय है कि पिछले बयान के लिए चुनाव आयोग ने उनके प्रचार करने पर 48 घंटे का प्रतिबंध लगा दिया था।
ये था मेनका का पिछला बयानः उन्होंने कहा था, ‘लोगों के प्यार और समर्थन की बदौलत मैं जीत रही हूं। लेकिन मेरी जीत मुस्लिमों के बिना हुई तो मुझे अच्छा नहीं लगेगा। दिल खट्टा हो जाएगा। फिर कोई मुस्लिम मेरे पास काम के लिए आएगा तो मुझे सोचना पड़ेगा। हम महात्मा गांधी की औलाद नहीं हैं। हम हमेशा देते रहें और चुनाव में हार जाए, ऐसा नहीं चलेगा। जीत आपके साथ भी होगी और आपके बिना भी।’

