Lok Sabha Election 2019 के लिए गठबंधन सभी पार्टियों के लिए मुसीबतें भी खड़ी कर रहे हैं। अब बीजेपी के दिग्गज नेता और गिरिडीह से पांच बार के सांसद रवींद्र कुमार पांडेय ने पार्टी को सीधे शब्दों में चेतावनी दे दी है। उन्होंने पार्टी से साफ-साफ कहा कि फैसला बदलिए वरना अच्छा नहीं होगा। दरअसल झारखंड में बीजेपी ने AJSU (ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन) के साथ गठबंधन किया है। इसके तहत बीजेपी ने गिरिडीह सीट छोड़ दी है। इस सीट पर AJSU के अध्यक्ष सुदेश महतो चुनाव लड़ेंगे। इसके चलते बीजेपी के पुराने नेता रवींद्र पांडेय नाराज हो गए हैं।

उन्होंने कहा, ‘पार्टी ने मुझे छोड़ दिया। मेरी वफादारी का मुझे यह इनाम मिल है। इसका बुरा असर पड़ेगा। मैंने मीडिया के माध्यम से बीजेपी से अपने फैसले की समीक्षा करने को कहा है, अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है।’ उल्लेखनीय है कि बीजेपी ने 9 मार्च को इस गठबंधन का ऐलान किया था। इसके तहत राज्य की 14 में से 13 सीटों पर बीजेपी और एक पर AJSU लड़ेगी। पहले AJSU ने गिरिडीह के साथ-साथ हजारीबाग सीट भी मांगी थी।

पांडेय का गढ़ है गिरिडीहः 2014 में पांडेय ने 3.91 लाख वोटों के साथ जीत दर्ज की थी। झारखंड मुक्ति मोर्चा के जगन्नाथ महतो ने उन्हें कड़ी टक्कर दी थी। वहीं उस चुनाव में AJSU के उमेश चंद्र मेहता ने 55,531 वोट हासिल किए थे। पांडेय गिरिडीह से पांच बार सांसद रहे हैं। इलाके में उनकी खासी पकड़ मानी जाती है। बीजेपी के गिरिडीह जिलाध्यक्ष सुनील कुमार अग्रवाल ने कहा कि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व अपने फैसले की समीक्षा कर सकता है।

 

सीट का समीकरणः झामुमो और AJSU की यहां के कुर्मी और ओबीसी समुदाय में अच्छी पकड़ मानी जाती है। बीजेपी ने कुर्मी वोटों को साधने के लिए गिरिडीह सीट AJSU को सौंपी है। पिछला लोकसभा चुनाव दोनों ने अलग-अलग लड़ा था, वहीं पिछला विधानसभा चुनाव दोनों ने गठबंधन में लड़ा था। AJSU के प्रवक्ता देवशरण भगत ने कहा, ‘हमने बूथ लेवल कार्यकर्ताओं के साथ एक बैठक करके ही गिरिडीह से चुनाव लड़ने का फैसला किया है।’