Lok Sabha Election 2019: लोकसभा चुनाव की तारीख नजदीक है ऐसे में दिल्ली में डीटीसी के पूर्व अनुबंधित कर्मचारियों की नाराजगी आम आदमी पार्टी (आप) की मुश्किलें बढ़ा सकती है। बता दें कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली के नंद नगरी इलाके में कई डीटीसी कर्मचारियों के घर पर ऐसे पोस्टर लगे हैं, जिनमें आप कार्यकर्ताओं को उनके घर में चंदा या वोट न मांगने के लिए कहा गया है। ये पोस्टर उन डीटीसी के पूर्व अनुबंधित कर्मचारियों के घर पर लगे हैं, जिनकी सेवाएं पिछले साल अक्टूबर में हड़ताल पर जाने के चलते समाप्त कर दी गई थीं।

संविदा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष का बयान: दिल्ली में संविदा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष वाल्मीकि झा के मुताबिक, “सभी पूर्व कर्मचारियों, जिनकी सेवाओं को समाप्त कर दिया गया था, ने इसके विरोध में ये पोस्टर लगाए हैं। उनमें से कुछ को आप कार्यकर्ताओं ने हटा दिया। आम आदमी पार्टी ने हमारे लिए कुछ नहीं किया। इस सरकार ने हमारी नौकरियां तक छीन लीं, जब हम उच्च वेतन और स्थायी नौकरियों की मांग कर रहे थे। उन्होंने हमें बीजेपीऔर कांग्रेस का एजेंट बताया।” इसके बाद झा ने इस तरह के और अधिक पोस्टर लगाने की बात कही।

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क्या लिखा है पोस्टर में: बता दें कि डीटीसी के अस्थायी कर्मचारियों ने लोकसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी का बहिष्कार करने की मुहिम के तहत अपने घरों के बाहर पोस्टर चस्पा किए हैं। जिसमें लिखा गया है कि ‘डीटीसी कर्मचारी का घर है, कोई आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता या उम्मीदवार इस घर में चंदा या वोट मांगने ना आएं’। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही कर्मचारियों ने कहा था कि लोकसभा चुनाव तक सभी कर्मचारियों के घर बाहर ऐसे ही पोस्टर लगाएंगे जो सरकार की नीतियों से प्रभावित हैं।

हड़ताल के चलते हटाए गए थे कर्मचारी: बता दें कि डीटीसी कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के कारण 22 अक्टूबर को उनका अनुबंध समाप्त कर दिया गया था। वाल्मीकि झा के अनुसार के स्थायी नौकरी और समान काम के लिए समान वेतन की मांग को लेकर सरकार ने डीटीसी के सैकड़ों अस्थायी कर्मचारियों को काम से हटा दिया।

संविदा कर्मचारी संघ के सदस्य का बयान: बता दें कि सागरपुर निवासी संविदा कर्मचारी संघ के सदस्य मनोज शर्मा के मुताबिक हमारी हड़ताल कभी भी राजनीतिक नहीं थी। (दिल्ली बीजेपी प्रमुख) मनोज तिवारी के साथ एक निर्वाचित प्रतिनिधि मंडल आया और उसने हमें समर्थन दिया। हमने न तो किसी को फोन किया, न ही समर्थन की मांग की थी। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार हमारी बात नहीं सुन रही इसलिए इसलिए हमने ये पोस्टर लगाए हैं। शर्मा ने कहा कि हम इन चुनावों में नोटा का विकल्प चुनेंगे।

आप का बयान: आम आदमी पार्ट के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पार्टी को इन पोस्टरों की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि हमने लोगों के मुद्दों को समझने की कोशिश की है लेकिन यह सेवाओं से जुड़ा मामला है और चुनी हुई सरकार इसके बारे में कुछ नहीं कर सकती है।