Lok Sabha Election 2019: लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन को शुक्रवार को असहज स्थिति का सामना करना पड़ा। सुमित्रा इंदौर में इंडियन मेडिकल एसोसिशन के कार्यक्रम में शामिल होने पहुंची थी।
सुमित्रा यहां मोदी सरकार की योजनाओं का जिक्र करते हुए सरकार के कामकाज की तारीफ कर रही थीं। इसी बीच मंच पर पहुंच कर एक डॉक्टर ने पीएम के मेडिक्लेम और आयुष्मान भारत की आलोचना की।
डॉक्टर ने सुमित्रा महाजन से कहा, ‘अगर आप कहिए तो पूरे इंदौर के प्राइवेट अस्पतालों के बिल बता दूं। अगर ऑपरेशन के बिल 3-4 लाख हों तो मैं डाक्टरी ही छोड़ दूंगा और आपके चरणों में बैठ जाउंगा।’ डॉक्टर ने इंदौर में विभिन्न डॉक्टरों की तरफ से भारी कंसल्टेशन फीस पर भी सवाल खड़ा किया।
उन्होंने डॉक्टरों की तरफ से 5-5 हजार रुपये कंसल्टेशन फीस लिए जाने पर नाराजगी व्यक्त की। इस पर स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा, ‘मैं यह मानती हूं कि यह एक ईमानदार का गुस्सा है जो मुझे भी आता है।’ महाजन ने कहा कि उन्होंने डॉक्टरों के खिलाफ ऐसा कोई बयान नहीं देती हैं।
उन्होंने कहा कि मैं 30 साल से चुपचाप काम कर रही हूं। मैंने कभी खुलेआम किसी डॉक्टर के खिलाफ नहीं बोला है। उन्होंने कहा कि अगर कभी ऐसा होता है तो मैं खुद उनसे मिलकर बात करती हूं। महाजन ने कहा कि मैं डॉक्टरों से कहती हूं इलाज के दौरान जिस चीज की जरूरत नहीं है उसका अनावश्यक प्रयोग नहीं करना चाहिए।
इससे पहले सुमित्रा महाजन लोकसभा चुनाव को राष्ट्रवाद का चुनाव बताया। उन्होंने केंद्र की एनडीए सरकार की स्वच्छ भारत योजना, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना व अन्य फ्लैगशिप योजनाओं का जिक्र किया। लोकसभा स्पीकर ने कहा कि मोदी सरकार के किसी मंत्री पर एक भी पैसे का भ्रष्टाचार का आरोप नहीं है।
1989 के बाद पहली बार मैदान से बाहरः 1989 के बाद यह पहली बार है कि सुमित्रा महाजन इंदौर से चुनाव नहीं लड़ रही है। सुमित्रा ने टिकट मिलने में देरी के बाद पार्टी से खुद चुनाव नहीं लड़ने की जानकारी दी थी। सुमित्रा ने कहा था कि पार्टी यदि मेरे नाम को लेकर हिचकिचा रही है तो वह खुद चुनाव नहीं लड़ने का फैसला ले रही हैं। उन्होंने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को इस आशय की जानकारी दे दी थी।