Lok Sabha Election 2019: कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता रहीं प्रियंका चतुर्वेदी के शिवसेना में शामिल होने के बाद अब यह कयास लगाए जा रहे हैं कि इस्तीफा देने के तुरंत बाद शिवसेना में उनकी एंट्री कैसे हुई। क्या चुनाव रणनीतिकार व जेडीयू नेता प्रशांत किशोर तो इसके पीछे नहीं हैं? कांग्रेस खेमे में तो इस बात की चर्चा बड़ी गर्म है कि प्रशांत किशोर ने ही प्रियंका की शिवसेना में एंट्री में हम भूमिका अदा की है।
कहा यह भी जा रहा है कि शिवसेना अगले साल प्रियंका को राज्य सभा से संसद भेज सकती है। पार्टी ने इस आशय का वादा प्रियंका चतुर्वेदी से किया है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि शिवसेना को राष्ट्रीय राजधानी में एक शिष्ट और मुखर मीडिया के चेहरे की तलाश थी। ये आदित्य ठाकरे के पार्टी की छवि को बदलने की रणनीति का हिस्सा है।
शिवसेना राष्ट्रीय स्तर के साथ ही महाराष्ट्र में भी अपनी छवि को बदलना चाहती है। कहा ये भी जा रहा है कि प्रियंका चतुर्वेदी पार्टी से उस समय से नाराज चल रही थीं जब पार्टी ने उन्हें लोकसभा का टिकट देने से इनकार कर दिया था। प्रियंका मुंबई में किसी सीट से कांग्रेस का टिकट मांग रही थीं। हालांकि, शिवसेना में शामिल होने के बाद प्रियंका इस बात से पूरी तरह से इनकार कर चुकी हैं।
प्रियंका का कहना था कि उन्होंने पार्टी से कभी मथुरा या किसी अन्य सीट से कभी टिकट नहीं मांगा। उन्होंने कहा कि वह कभी टिकट को लेकर पार्टी से नाराज नहीं थीं। उनके लिए यह कोई मुद्दा ही नहीं था। मालूम हो कि प्रियंका नेशनल मीडिया में कांग्रेस की तेजतर्रार प्रवक्ता के रूप में जानी जाती थीं। वह विभिन्न मंचों पर कांग्रेस के पक्ष को मजबूत ढंग से रखती थीं। बीते दिनों पार्टी में अपनी उपेक्षा और कुछ नेताओं के द्वारा उनसे कथित रूप से बदसलूकी के बाद वे पार्टी से नाराज चल रही थीं।
प्रियंका के साथ कथित बदसलूकी की घटना में मथुरा में राफेल डील से संबंधित प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के दौरान हुई थी। इस कार्यक्रम के दौरान ही कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनसे दुर्व्यवहार किया था। इसकी शिकायत के बाद कांग्रेस ने आरोपियों पर कार्रवाई भी की थी। बाद में पार्टी ने दोषी कार्यकर्ताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई को निरस्त करते हुए उन्हें पार्टी में फिर से शामिल कर लिया। इससे प्रियंका की नाराजगी बढ़ गई थी।

