Lok Sabha Election 2019: देश में लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों द्वारा तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। इस बीच असम के कुछ बच्चों ने अनूठी पहल करते हुए राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर अपना एजेंडा पत्र सौंपा है। इन बच्चों ने कांग्रेस, बीजेपी के साथ-साथ क्षेत्रीय दलों असम गण परिषद (एजीपी), ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) और बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) आदि के नेताओं के सामने स्वास्थ्य, पोषण, सुरक्षा, शिक्षा और स्वच्छता आदि मांगों को लेकर अपना एजेंडा पत्र सौंपा है।

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क्या हैं इनके मुद्दे: बता दें कि असम में हर साल बाढ़ और भारी बारिश की वजह से अधिकतर स्कूल बंद रहते हैं। ऐसे में बच्चों द्वारा बनाई गई सूची में बाढ़ प्रबंधन के मुद्दे को प्रमुख रूप से शामिल किया गया है। इसके अलावा सफाई, स्कूलों में शौचालय, स्वास्थ्य, कुपोषण, मां और बच्चे की मृत्यु दर, बाढ़ के दौरान बाधित होने वाली शिक्षा व्यवस्था के लिए जरूरी कदम उठाना जैसे मुद्दे भी शामिल है। बता दें कि सूची में बाल श्रम, चाइल्ड ट्रैफिकिंग और बाल विवाह जैसे मुद्दे भी प्रमुखता से शामिल किए गए हैं। यहीं नहीं लड़कियों ने स्कूलों में सैनिटरी पैड की व्यवस्था जरूरी तौर पर लागू करने की मांग प्रमुखता से अपने एजेंडे में शामिल किया है।

बीजेपी नेता से मिलते हुए बच्चे

गौरतलब है कि असम में बाढ़ हर साल बड़ी संख्या में लोगों को प्रभावित करती है। एक आंकड़े के मुताबिक 2017 में बाढ़ से 151 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी और 2018 में 49 लोगों की मौत हुई थी। बता दें कि 2017 में असम के 51,898 स्कूलों में से 23,000 स्कूल बाढ़ से प्रभावित हुए थे।

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इन राजनीतिक पार्टियों से मिला बच्चों का दल: बच्चों के दल ने कांग्रेस, बीजेपी के साथ कई क्षेत्रीय दलों, एजीपी, एआईयूडीएफ, और बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) के नेताओं से मिलकर स्वास्थ्य, पोषण, सुरक्षा, शिक्षा और स्वच्छता समेत स्कूलों में बेहतर शैक्षिक व्यवस्था जैसी मांगों को सौंपकर इन्हें अपने घोषणा पत्र में शामिल करने की मांग की है। खास बात ये है कि कई दलों ने कहा कि वो बच्चों के एजेंडे को अपने-अपने घोषणा पत्र में शामिल करेंगे।

एसीआरएनए ने तैयार की बच्चों के लिए ये सूची: बता दें कि नेताओं को अपनी मांगे सौंपने वाले बच्चों की मांगों को एसीआरएनए मतलब एडॉलसेंट और चाइल्ड राइट्स नेटवर्क साम ने तैयार किए हैं। एसीआरएनए के सदस्य डॉ. चिरंजीब ककोटे ने बताया कि यह पहल अभी सिर्फ एक राज्य में शुरू की गई है। लेकिन यदि दूसरे राज्यों के संगठन भी बच्चों के एजेंडे पर अगर काम करना चाहेंगे हम उनके साथ शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि हम राजनीतिक दलों के घोषणा पत्र का इंतजार कर रहे हैं। बता दें कि इस पहल की शुरुआत करने वाला असम देश का पहला राज्य है जहां बच्चों ने लोकसभा चुनाव के दौरान सियासी दलों को अपना एजेंडा पत्र सौंपा है।