पंजाब में विधानसभा चुनावों के दौरान मतदाताओं को लुभाने के लिए शराब और ड्रग्स के सैंकड़ों कूपन बरामद किए गए हैं। इन कूपन में रम, व्हिस्की और अन्य शराब के नाम लिखे हुए थे। राज्य के मुख्य चुनाव आयुक्त वीके सिंह ने बताया कि शराब की दुकानों पर नजर रखी जा रही है ताकि पता लगाया जा सके कि क्या मतदाता वाकई इन कूपन के जरिए शराब लेते हैं। एनडीटीवी को उन्होंने बताया, ”पहली बार हम कूपन सिस्टम देख रहे हैं। हमारे कॉल सेंटर पर टिप मिलने के बाद हमें इस बारे में पता चला।” उन जिलों पर ज्यादा नजर रखी जा रही है जो राजनीतिक रूप से ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। आपको बता दें कि चुनावों में मतों के लिए शराब के जरिए ललचाने का सिलसिला काफी पुराना है। राजनीतिक दल इसके लिए नए-नए तरीके अपनाते हैं। हालांकि चुनाव आयोग भी इस पर सख्ती से कदम उठाता है।
चुनाव आयोग ने लांबी सीट के पास एक पुरानी कपास मिल से शराब की 10 हजार बोतलें बरामद की है। लांबी सीट से मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह आमने-सामने हैं। इसके अलावा स्थानीय शराब की 5355, 3480 बोतल बीयर और 1306 आईएमएफएल बोतलें भी बरामद की गई हैं। अधिकारियों का कहना है कि यहां पर चुनावों में मतदाताओं को ड्रग्स का लालच भी दिया जाता है। चुनाव आयोग ड्रग्स के बारे में पता लगाने के लिए 22 स्निफर डॉग्स की मदद भी ले रहा है।
इसी महीने कैरी नाम के एक लेब्रोडॉर कुत्ते ने मारुति जेन से 50 किलो अफीम बरामद कराई थी। पंजाब में ड्रग्स बड़ी समस्या है। पिछले दिनों पाकिस्तान से आ रही एक ट्रेन में सिलेंडर के अंदर ड्रग्स भरी हुई थी। राजनीतिक दलों ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में इस समस्या के निराकरण का वादा भी किया है। वीके सिंह के अनुसार, ”मतदान से ठीक पहले शराब बांटने, ड्रग्स तस्करी का काम बढ़ जाता है। लेकिन हम भी तैयार हैं।”

