कर्नाटक विधानसभा चुनाव के आज नतीजे आ रहे हैं। दोपहर तक साफ हो जाएगा कि कर्नाटक का किंग कौन होगा। कर्नाटक की सभी 224 सीटों के लिए एक बार 2,615 उम्मीदवार मैदान में हैं। कई प्रत्याशियों को जीत मिलेगी तो कई प्रत्याशी ऐसे भी होंगे जिनकी इस चुनाव में जमानत जब्त (security deposit) हो जाएगी। आपने अक्सर चुनाव में सुना होगा कि किसी प्रत्याशी जमानत जब्त हो गई। आखिर इसका मतलब क्या होता है? किसी प्रत्याशी के जमानत जब्त होने के बाद उसका क्या होता है। आइये जानते हैं इन सभी सवालों के जवाब।
जमानत जब्त का क्या होता है मतलब?
चुनाव के दौरान उम्मीदवारों से कुछ जमानत की रकम जमा करना को कहा जाता है। यह राष्ट्रपति चुनाव से लेकर पंचायत चुनाव तक जमा करने को कहा जाता है। चुनाव में किसी भी उम्मीदवार को अपनी जमानत बचाने के लिए कुल मतों का 6वां हिस्सा प्राप्त करना होता है। अगर उम्मीदवार इतने वोट प्राप्त नहीं कर पाता है तो जमानत जब्त हो जाती है। उदाहरण के तौर पर समझें तो किसी सीट पर 1 लाख मतदाता हैं और जमानत बचाने के लिए 16,666 वोटों की जरूरत होगी। अगर किसी प्रत्याशी को इससे कम वोट मिलते हैं तो उसकी जमानत जब्त हो जाएगी
किस चुनाव में कितनी राशि?
अलग-अलग चुनाव जमानत राशि भी अलग होती है। जहां राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए जमानत राशि 15 हजार रुपये होती है तो वहीं लोकसभा चुनाव के लिए सामान्य वर्ग के उम्मीदवार को 25 हजार रुपये बतौर जमानत राशि जमा करानी होती है, वहीं विधानसभा चुनाव के लिए ये राशि 10 हजार रुपये होती है। हालांकि एससी और एसटी वर्ग के उम्मीदारों के लिए लोकसभा चुनाव में साढ़े 12 हजार और विधानसभा चुनाव के लिए पांच हजार रुपए बतौर जमानत जमा करने पड़ते हैं।
कब बचती है जमानत राशि
अगर किसी उम्मीदवार का नामांकन चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया है तो उसकी जमानत राशि चुनाव आयोग वापस कर देता है। इसके अलावा कई और वजहों से भी उम्मीदवार को उसकी जमानत राशि वापस कर दी जाती है। अगर प्रत्याशी निर्धारित समय में अपना नामांकन वापस ले लेता है तो उसकी जमानत राशि वापस कर दी जाती है। इतना ही नहीं वोटिंग से पहले किसी प्रत्याशी का निधन होने के बाद उसके परिजन जमानत राशि के लिए दावा कर सकते हैं। वहीं अगर प्रत्याशी कुल वोटों का 6वां हिस्सा प्राप्त कर ले भले ही चुनाव में उसे जीत ना मिले तो भी उसकी राशि वापस कर दी जाती है। इतना ही नहीं अगर किसी प्रत्याशी को कुल वोटों का 6वां हिस्सा नहीं मिला है लेकिन इसके बाद भी वह चुनाव जीत चुका है तो उसे जमानत राशि लौटा दी जाएगी।