कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने चार साल बाद किसी रैली को संबोधित किया है। उन्होंने कर्नाटक के हुलबी में एक बड़ी जनसभा को संबोधित किया है। ये रैली उस समय हुई है जब राज्य में पीएम मोदी पूरी तरह सक्रिय हो चुके हैं और रोड शो से लेकर ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे हैं। अपनी पहली रैली में सोनिया ने ना सिर्फ बीजेपी पर हमला किया है, बल्कि कांग्रेस की भी कई सफलातों को गिना दिया है।

सोनिया का पीएम मोदी पर वार

रैली में सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस का ऐसा ट्रैक रिकॉर्ड रहा है कि जहां भी उसकी सरकार बनी है, उसने अपने हर चुनावी वादे को पूरा किया है। मैं ये साफ करना चाहती हूं कि किसी भी नेता की किस्मत आम जनता द्वारा ही तय की जाती है, जनता की किस्मत भी अकेले नेता लोग तय नहीं कर सकते। सोनिया ने बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि ये लोग जनता को डरा रहे हैं कि अगर राज्य में उनकी सरकार नहीं बनी तो पीएम मोदी का आशीर्वाद यहां नहीं मिलेगा।

सोनिया गांधी ने रैली में सेंट्रल एजेंसियों के दुरुपयोग का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने जोर देकर कहा कि अब ये सभी की जिम्मेदारी है कि कांग्रेस की आवाज को मजबूत किया जाए जिससे बीजेपी के अंधकार वाला राज से मुक्ति मिल सके। कांग्रेस नेता ने इस बात का भी जिक्र किया कि कर्नाटक या फिर देश का विकास तब तक नहीं हो सकता जब तक बीजेपी की लूट, झूठ और नफरत वाली राजनीति को खत्म ना कर दिया जाए।

पीएम मोदी ने सेट किया नेरेटिव

भारत जोड़ो यात्रा को लेकर भी सोनिया ने अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि ये यात्रा तो उन लोगों के खिलाफ निकाली गई थी जिनका सिर्फ एक ही उदेश्य रहा- नफरत फैलाना। अब कांग्रेस की तरफ से तो तमाम तरह के आरोप लग रहे हैं, लेकिन दूसरी तरफ बीजेपी अपनी जीत के बड़े दावे कर रही है। पीएम मोदी खुद कह रहे हैं कि राज्य में प्रचंड बहुमत के साथ बीजेपी की सरकार बनने वाली है। उनकी तरफ से ही कांग्रेस पर आरोप भी लगा दिया गया है कि पार्टी की तरफ से बजरंग बलि का अपमान किया गया है।

कर्नाटक में पिछली बार क्या नतीजे रहे?

कर्नाटक चुनाव की बात करें तो 10 मई को वोटिंग होने वाली है और 13 मई को नतीजे आएंगे। वर्तमान में राज्य में बीजेपी की सरकार है और बसवराज बोम्मई मुख्यमंत्री हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में राज्य में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था. उस समय बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और उसके खाते में 104 सीटें गई थीं, कांग्रेस की बात करें तो उसका आंकड़ा 80 पहुंच पाया था और जेडीएस को 37 सीटों के साथ संतुष्ट करना पड़ा था।