कर्नाटक चुनाव अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच गया है। नतीजे आने वाले हैं, दोनों कांग्रेस और बीजेपी की दिल की धड़कन तेज हैं। किसका होगा राजतिलक, ये सवाल सभी के मन में आ रहा है। कहने को ये दक्षिण का राज्य है, यहां की सियासत उत्तर भारत से अलग है, मुद्दे लोकल हैं, लेकिन फिर भी इतनी सियासी समाग्री मौजूद है कि सभी के लिए चुनाव किसी IPL मैच से भी ज्यादा रोमांचक बन गया है। दो कारणों की वजह से कर्नाटक का इस बार ये मुकाबला सुपरहिट बन गया है।

पहला कारण तो राज्य की वो VIP SEATS हैं जहां पर दिग्गजों का मुकाबला दिग्गजों से हो रहा है। दूसरा कारण ये कि कर्नाटक चुनाव का असर सिर्फ राज्य तक सीमित नहीं रहने वाला है और दोनों बीजेपी और कांग्रेस के लिए इसके बड़े सियासी मायने रहने वाले हैं। पहले कर्नाटक की VIP SEATS के बारे में जान लेते हैं-

VARUNA

वरुणा सिद्धारमैया का गढ़ है। कई बार यहीं से चुनाव जीते हैं। इस बार फिर कांग्रेस ने उन्हें यहां से अपना उम्मीदवार बनाया है। कोरबा समुदाय से आते हैं और पिछड़ों के बीच भी उनकी उपस्थिति जबरदस्त है। बीजेपी ने यहां से वी सोमन्ना को उतारा है। लिंगायत के बड़े नेता हैं और लंबे समय से पार्टी के साथ जुड़े हुए हैं। पिछली बार वरुणा से सिद्धारमैया के बेटे चुनाव लड़े थे। जीत उन्होंने भी दर्ज की थी, लेकिन अब फिर पिता यानी कि सिद्धारमैया यहां से बैटिंग कर रहे हैं

KANAKPUR

हर चुनाव का एक पहलू ये भी होता है कि कौन सबसे अमीर नेता है। किसके पास सबसे ज्यादा पैसा है। उस लिस्ट में कांग्रेस के डीके शिवकुमार का नाम भी आता है। इस समय कर्नाटक में कांग्रेस के अध्यक्ष हैं और सीएम दावेदार भी बताए जा रहे हैं। कनकपुर उन्हीं का इलाका है। सात बार से यहां से विधायक हैं। पूर्व पीएम देवगौड़ा की जाति वोक्लिंगा के बड़े चेहरे हैं, एक बार फिर पार्टी ने उन्हीं पर भरोसा जताया है। बीजेपी ने इस सीट से 65 साल के आर अशोका को मौका दिया है। पार्टी में जब भी वोक्लिंगा समाज के बड़े नेताओं की बात की जाती है, उनका नाम सबसे ऊपर रहता है। यानी कि कनकपुर में मुकाबला वोक्लिंगा बनाम वोक्लिंगा का है.

SHIGGAON

मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई SHIGGAON सीट से प्रत्याशी हैं। सीएम की सीट है, ऐसे में इसका हाई प्रोफाइल होना तो लाजिमी है। कांग्रेस ने यहां से यासिर अहमद खान को टिकट दिया है। जेडीएस ने भी शशिधर चन्नबसप्पा को उतारा है। यानी कि मुकाबला त्रिकोणीय बना हुआ है। तीन बार से बसवराज यहां से जीत रहे हैं, ऐसे में जीत का चौका जरूर लगाना चाहेंगे।

CHANNAPATNA

जेडीएस का गढ़ माने जाने वाली इस सीट से 2004 से एचडी कुमारस्वामी जीत दर्ज कर रहे हैं। कई उम्मीदवार आए और उनके से हारकर चले गए, यानी कि ये पार्टी और एचडी कुमारस्वामी के लिए प्रतिष्ठा वाली सीट है। एक बार फिर कुमारस्वामी यहीं से ताल ठोक रहे हैं। उनकी घेराबंदी करने के लिए बीजेपी ने सीपी योगेश्वर और कांग्रेस ने गंगाधर को सियासी जमीन पर उतारा है। अगर किंगमेकर की भूमिका में जेडीएस आती है तो एक बार फिर कुमारस्वामी के पास सीएम बनने का बड़ा मौका है

SHIKARIPURA

बीजेपी के जो सबसे बड़े चेहरे हैं, बीएस येदियुरप्पा, ये उन्हीं का इलाका है। उन्होंने इस इलाके से लिंगायत की ऐसी सियासत शुरू की है कि वे इस समाज के सबसे बड़े नेता माने जाते हैं। बड़ी बात ये है कि वे खुद रिटायरमेंट का ऐलान कर चुके हैं, यानी कि वे चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। इस बार उनकी Legacy को आगे बढ़ाने का काम उनके बेटे बी वाई विजेंद्र कर रहे हैं। बताया जाता है कि जब से येदियुरप्पा की सेहत कुछ ठीक नहीं रही है, इस वजह में काफी समय से उनके बेटे ही सारा काम देख रहे है। ऐसे में वे भी बीजेपी के लिए एक लोकप्रिय चेहरा बन गए हैं। विजेंद्र को टक्कर देने के लिए कांग्रेस ने G.B MALATESH को उतारा है.

वैसे VIP SEATS में जगदीश शेट्टार की हुबली धारवाड़ सेंट्रल सीट को भी गिन सकते हैं। ये अलग बात है कि वे बीजेपी की जगह इस बार कांग्रेस की तरफ से बैटिंग कर रहे हैं। इसी तरह मल्लिकार्जुन खड़ेगे के बेटे प्रियांक खड़गे चित्तापुर से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

2024 से पहले कांग्रेस के लिए क्यों जरूरी कर्नाटक चुनाव

अब इस चुनाव में हार-जीत का सीधा असर अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव पर भी पड़ने वाला है। इसे ऐसे समझ सकते हैं कि कांग्रेस पिछले कई चुनावों में वैसा प्रदर्शन नहीं कर पाई है कि उसे एक मजबूत दावेदार के तौर पर देखा जाए। सियासी रूप से पिछला बड़ा राज्य गुजरात था। लेकिन वहां उसकी हालत काफी बुरी रही। ऐसे में 2024 से पहले जो विपक्षी एकता की बात की जा रही है, उसमें कांग्रेस की कितनी बड़ी भूमिका रहेगी, ये कर्नाटक तय करने वाला है। एक जीत फिर पार्टी को Driving Seat पर लाकर खड़ा कर देगी और दूसरे दलों के सामने उसकी Bargaining Power काफी बढ़ जाएगी

लोकसभा का रास्ता दक्षिण से, बीजेपी की बड़ी चिंता

वहीं बीजेपी के लिए कर्नाटक में जीतना बहुत जरूरी है। दक्षिण की राजनीति में इसी राज्य ने पार्टी की एंट्री करवाई है। अगर ये हाथ से फिसल गया तो सीधा मतलब है- दक्षिण से बीजेपी की BYE BYE। 2024 में बीजेपी फिर पिछले लोकसभा चुनाव जैसा प्रदर्शन करे, उसे फिर हर राज्य से उतनी ही सीटें मिल जाएं, ये जरूरी नहीं। ऐसे में जो भी नुकसान होगा, उसकी भरपाई दूसरे राज्यों से की जाएगी। उस स्थिति में दक्षिण के यहीं राज्य बीजेपी की सियासी नैया को पार लगा सकते हैं।

एग्जिट पोल क्या कहता है?

कर्नाटक चुनाव को लेकर जितने भी एग्जिट पोल हुए हैं, एक संदेश स्पष्ट निकल रहा है- कांग्रेस को बीजेपी के सामने बढ़त है, सरकार बनाने की इस बार प्रबल संभावना भी उसकी जताई जा रही है। कुल 10 एग्जिट पोल जो सामने आए हैं, पांच हंग एसेंबली की ओर इशारा जरूर कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस को सबसे बड़ी पार्टी बता रहे हैं। सिर्फ एक एग्जिट पोल में बीजेपी को बहुमत दिया जा रहा है, यानी कि देश की सबसे बड़ी पार्टी के लिए खतरे की घंटी जरूर बजी है। कांग्रेस को सबसे ज्यादा सीटें एक्सिस माइ इंडिया के एग्जिट पोल से मिली हैं। अगर वो अनुमान सही निकल जाता है तो कांग्रेस अपना सबसे अच्छा प्रदर्शन करते हुए 140 सीटें तक जीत सकती है। वहीं टुडेज चाणक्य के एग्जिट पोल ने भी कांग्रेस को 120 सीटें दी हैं, यानी कि स्पष्ट बहुमत।

अब एग्जिट पोल ही एग्जैट पोल भी निकल जाए, इसका फैसला कुछ घंटों में हो जाएगा। सुबह आठ बजे मतगणना शुरू हो जाएगी और दोपहर तक नतीजे स्पष्ट हो जाएंगे, यानी कि पता चल जाएगा कि कर्नाटक के इस सियासी रण में किसका राजतिलक होने वाला है।