2019 Lok Sabha Election: बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने शनिवार को एक बार फिर ऐसा बयान दिया, जिस पर विवाद हो सकता है। यह टिप्पणी उन्होंने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भोपाल मध्य सीट पर बीजेपी प्रत्याशी सुरेंद्रनाथ सिंह की हार को लेकर की। विजयवर्गीय ने कहा, ‘‘मुझे आश्चर्य है कि बीफ (गौमांस) खाने वाला एक व्यक्ति चुनाव कैसे जीत गया, जबकि मध्य प्रदेश में गौहत्या का विरोध करने वाली राष्ट्रवादी पार्टी सत्ता में थी।’’ माना जा रहा है कि विजयवर्गीय का निशाना कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद थे, जो ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य भी हैं। आरिफ ने चुनाव में बीजेपी के सुरेंद्र नाथ सिंह को मात दी थी।
यह बोले विजयवर्गीय : भोपाल में शनिवार को आयोजित बीजेपी के बूथ कार्यकर्ता सम्मेलन में कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, ‘‘विधानसभा चुनाव में काफी नेता हारे हैं, लेकिन मुझे सबसे ज्यादा दुख सुरेंद्र नाथ सिंह की हार का है। मुझे आश्चर्य है कि उस वक्त प्रदेश में राष्ट्रवादी सरकार थी, जिसने गौहत्या पर रोक लगा दी थी। इसके बावजूद बीफ खाने वाला एक व्यक्ति हमारे खिलाफ जीत गया। यह हम सबके लिए शर्मनाक स्थिति है।’’ विजयवर्गीय ने जब यह टिप्पणी की, उस वक्त सुरेंद्र नाथ सिंह भी मंच पर मौजूद थे। इंडियन एक्सप्रेस ने इस मुद्दे पर कैलाश विजयवर्गीय से बात की तो उन्होंने कहा, ‘‘मुझे जो कहना था, मैंने कह दिया। यह कोई महत्वपूर्ण मुद्दा नहीं है। वह (मसूद) मेरे लिए इतना खास नहीं है कि मैं उस पर टिप्पणी करूं। जो भी मैंने कहा, न तो मैं उसकी पुष्टि करता हूं और न ही उसे खारिज करता हूं।’’
मसूद ने आरोपों को नकारा : कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कैलाश विजयवर्गीय के आरोपों को पूरी तरह खारिज किया है। उन्होंने कहा, ‘‘बीजेपी नेता या तो मेरे बीफ खाने का सबूत पेश करें या माफी मांगें। यह उनका फ्रस्ट्रेशन बोल रहा है। क्या उन्होंने कभी मेरे साथ लंच या डिनर किया? उन्होंने मुझे कब बीफ खाते हुए देखा?’’
2013 में हारे मसूद, 2018 में जीते : गौरतलब है कि भोपाल मध्य विधानसभा सीट पर बीजेपी के सुरेंद्र नाथ सिंह और कांग्रेस के आरिफ मसूद के बीच मुकाबला हुआ था। इस सीट पर आरिफ मसूद ने जीत हासिल की। उन्हें 76,647 वोट मिले थे, जबकि सुरेंद्र नाथ सिंह सिर्फ 61,890 वोट हासिल कर पाए थे। बता दें कि 2013 के विधानसभा चुनाव में भी मसूद और सुरेंद्र नाथ के बीच चुनावी मुकाबला हुआ था। उस वक्त सुरेंद्र नाथ सिंह जीते थे।