यूं तो पूरे मध्यप्रदेश में हर तरफ विधानसभा चुनावों का शोर है, हर गली हर कूचे में चुनावी चौपाल बिछी है, जहां रोज प्रत्याशियों की हार जीत तय होती है। लेकिन इस सबसे बेअसर छतरपुर के एक ग्रामीण इलाके में एक अलग ही चौपाल सजी है, जहां प्रत्याशियों के नारे और वादे नहीं खिलाड़ियों के चौके छक्के गूंज रहे हैं। इन चौके—छक्कों के साथ ही लग रहे हैं चीयरलीडर्स के ठुमके जो हर ग्रामीण को झूमने के लिए मजबूर कर देते हैं।

कहां का है मामला
दरअसल ये पूरा मामला छतरपुर के सराई गांव का है। जहां आईपीएल की तर्ज पर ही क्रिकेट का आयोजन किया जा रहा है। पेड़ों पर टंगे लाउडस्पीकर, मैदान में उड़ती धूल और इसी धूल के बीच चौके छक्के लगाते क्रिकेट खिलाड़ी। रंगीन ड्रेस में सजे धजे खिलाड़ी चौके छक्के जमाते हैं तो मैदान के बाहर खड़े दर्शक झूमने लगते हैं। बता दें कि सराई में हर साल ऐसे क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया जाता है। टूर्नामेंट में भाग लेने वाली सारी टीमों के खिलाड़ी रंगीन ड्रेस में क्रिकेट खेलते हैं। हफ्तेभर तक चलने वाले इस टूर्नामेंट में आसपास के कई गांवों और कस्बों की टीम भाग लेती हैं। गौरतलब है कि गुरुवार को ये टूर्नामेंट खत्म हुआ।

आखिर क्यों है खास
‘बुंदेली क्रिकेट’ के नाम से मशहूर इस टूर्नामेंट की सबसे बड़ी खासियत है आईपीएल की ही तरह चीयरलीडर्स के ठुमके। जिसके लिए बकायदा आसपास से ही डांसर्स को बुलाया जाता है। आईपीएल की तरह ही हर चौके—छक्के पर डांसर्स बकायदा ठुमके लगाकर मैदान में मौजूद दर्शकों का मनोरंजन करती हैं। गेंदबाज जैसे ही विकेट लेता है वैसे ही ढोल नगाड़े और मैदान में मौजूद डीजे की धुन पर इन चीयरलीडर्स का डांस शुरू हो जाता है और उन्हीं के साथ मैदान में मौजूद दर्शक भी झूमने लगते हैं।

यहां इसलिए खेला जाता है क्रिकेट
दरअसल इस क्षेत्र के किसानों को हर साल सूखे की मार झेलनी पड़ती है, लेकिन उसके गम की काट ढूंढने के लिए ग्रामीणों ने ये नायाब तरीका निकाला है। स्थानीय ग्रामीण बताते हैं कि इस आयोजन का एकमात्र उद्देश्य गांव और आसपास के किसान भाइयों को बंजर पड़ी खेती और सूखे की मार के गम से दूर कर उन्हें एक स्वस्थ मनोरंजन देना है। यही वजह है कि ग्रामीणों को हर साल होने वाले इस आयोजन का बेसब्री से इंतजार रहता है। टूर्नामेंट में होने वाले सारे खर्चों का इंतजाम ग्रामीण अपने पास से ही थोड़ा थोड़ा चंदा डालकर करते हैं। मजे की बात ये है कि जहां पूरे मध्यप्रदेश में गांव गांव तक चुनावी चौपाल का शोर है वहीं इस क्षेत्र में किसान इस चुनावी शोर शराबे से दूर अपनी क्रिकेट की दुनिया में डूबे हुए हैं।

क्या कहते हैं ग्रामीण
गांव के ही एक निवासी यशपाल बताते हैं कि हमारा क्षेत्र सूखा प्रभावित है और पिछले 4—5 साल से हमें लगातार सूखे की मार झेलनी पड़ रही है, ऐसे में निराश किसानों का मन बहलाने और कुछ दिन के मनोरंजन के लिए हम इस टूर्नामेंट का आयोजन करते हैं। वहीं जब उनसे पूछा गया कि आपके यहां चुनाव चल रहे हैं क्या उसमें कोई भागीदारी नहीं करते तो वो बड़ी बेतकल्लुफी से जवाब देते हैं कि हमें चुनाव से कोई मतलब ही नहीं है हम तो इसे देखकर ही खुश हो लेते हैं। (फोटो, वीडियो और स्‍टोरी- सौजन्‍य: राजेंद्र सिंह – Pebble)