Lok Sabha Election 2019: कुख्यात गैंगस्टर रमेश लोहार को 12 मई को रोहतक में एक पोलिंग बूथ के बाहर गिरफ्तार कर लिया गया था। उस वक्त वह राज्य के मंत्री मनीष ग्रोवर के साथ पोलिंग बूथ के अंदर नजर आया था। लोहार पर हरियाणा में कई सारे मुकदमे दर्ज हैं। जानकारी सामने आई है कि लोहार ‘बीजेपी कार्यकर्ता’ है और प्रदेश के सीएम मनोहर लाल खट्टर के साथ भी मंच साझा कर चुका है। बता दें कि सीएम खट्टर ने 14 दिसंबर 2018 को रोहतक के कलानौर इलाके में एक जनसभा को संबोधित किया था। उस वक्त भगवा साफा पहने लोहार और मनीष ग्रोवर सीएम के मंच पर नजर आए थे। दरअसल, खट्टर निकाय चुनावों में गांववालों का समर्थन मांगने कलानौर गए थे।
लोहार ने उस वक्त पार्षद का चुनाव लड़ा था, लेकिन महज 94 वोट से हार गया था। मनीष ग्रोवर ने बताया, ‘लोहार काउंसलर पद के लिए बीजेपी की ओर से नॉमिनेट किया गया था। वह अपने खिलाफ दर्ज अधिकतर मामलों में बरी हो चुके हैं। कांग्रेस ने मतदान की गुप्त प्रक्रिया को वीडियो बनाकर सार्वजनिक कर दिया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने वोटरों को धमकाया और यहां तक कि एक अन्य पोलिंग बूथा पर कुछ बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमला किया। हमने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ चुनाव आयोग के पास तीन शिकायतें दर्ज कराई हैं।’
उधर, हरियाणा के अडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (लॉ ऐंड ऑर्डर) नवदीप सिंह ने अपने ट्वीट में लोहार को ‘हिस्ट्रीशीटर’ बताया है। उन्होंने ट्वीट में लिखा, ‘रोहतक पुलिस ने जानकारी दी है कि उनहोंने बोहर गांव के हिस्ट्रीशीटर रमेश लोहार को गिरफ्तार कर लिया है।’ बता दें कि लोहार के ग्रोवर और बीजेपी के साथ कनेक्शन को लेकर विवाद हो गया है। रोहतक लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी दीपेंदर हुडा ने रिटर्निंग अफसर से शिकायत की है कि ग्रोवर और लोहार बूथ कैप्चरिंग में शामिल थे।
वहीं, बूथ पर पहुंची हरियाणा पुलिस ने जब लोहार की एसयूवी चेक की तो उसमें से .32 बोर के कारतूस के 15 राउंड, लाठियां और गाड़ियों के नंबर प्लेट्स मिले। उसे गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि, सोमवार को उसे थाने से जमानत मिल गई। द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत करते हुए सीएम खट्टर ने इस बात की पुष्टि की कि लोहार एक बीजेपी कार्यकर्ता है। खट्टर ने कहा, ‘मैं उसे निजी तौर पर नहीं जानता लेकिन वह एक बीजेपी कार्यकर्ता है। वह कांग्रेस के खिलाफ है। पिछली कांग्रेस सरकार में उसके खिलाफ कई आपराधिक मुदकमे दर्ज हुए। उसके पास से जो हथियार बरामद हुआ, वह लाइसेंसी था।’