गठबंधन के लिए बेकरार आम आदमी पार्टी को एक और झटका लगा है। पांच महीने पहले अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में आप का दामन थामने वाले। करम सिंह कर्मा ने पार्टी छोड़ दी है। एससी/एसटी विंग के अध्यक्ष कर्मा का कहना है कि लोकसभा चुनाव के लिए वाल्मीकि समाज से किसी को टिकट नहीं दिया है। करोलबाग में एक कर्मा की मौजूदगी में की गई एक बैठक में दलित कैंडिडेट उतारने की मांग की थी। कर्मा का कहना है कि वह बहुत निराश है चुनाव में उत्तर पश्चिमी दिल्ली से किसी वाल्मीकि समाज के एक भी शख्स को टिकट नहीं दिया गया है।
उनका कहना कि पिछली बार 2014 में राखी बिड़ला को उतारा गया था। वाल्मीकि इस शहर में दलित आबादी का 17.5% हिस्सा है। खुद के टिकट पाने के सवाल पर कर्मा ने कहा कि मुझे बताया गया है कि मुझे चुनाव नहीं लड़वाया जाएगा। और यह सिर्फ मेरी बात नहीं है, यह आम आदमी पार्टी द्वारा किए गए वादों की बात है। पिछली बार राखी को छोड़कर आप के सभी उम्मीदवारों का प्रदर्शन खराब रहा। इस बार हमारे लोग वाल्मीकि समाज से उम्मीदवार चाहते हैं। अगर कांग्रेस वाल्मीकि समाज के शख्स को टिकट देगी तो हम उसे भी समर्थन देंगे।
गौरतलब है कि वाल्मीकि समाज से आने वाले करम सिंह कर्मा का अपना क्षेत्र में अच्छा खासा दबदबा है।आम आदमी पार्टी ने उन्हें अपने खेमे में बुला दलित वोट साधने की कोशिश की थी लेकिन अब उनकी नाराजगी आप के लिए भारी पड़ सकती है। बता दें कि निचले स्तर पर संगठन को मजबूत करने के लिए ही आम आदमी पार्टी ने वाल्मीकि जयंती के अवसर पर दिल्ली के लिए एसएसी-एसटी और अल्पसंख्यक मोर्चे की घोषणा की थी।
बता दें कि आम आदमी पार्टी की इस लोकसभा में हालत खस्ता नजर आ रही है।आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल दिल्ली में कांग्रेस से गठबंधन करने का विकल्प रखा था लेकिन कांग्रेस ने इंकार कर दिया यही हाल आप का पंजाब में भी हुआ जहां गठबंधन के लिए आप का मनाही हो गई।

