Haryana Election 2019: हरियाणा विधानसभा चुनाव में हरियाणा लोकहित पार्टी के गोपाल कांडा ने बीजेपी को समर्थन देकर सरकार बनाने को लेकर लग रही अटकलें शांत कर दी हैं। हालांकि, यह पहली बार नहीं है, जब गोपाल कांडा हरियाणा में सरकार बनाने के लिए ‘संकटमोचक’ की तरह उभरे हैं। करीब 10 साल पहले 2009 में उन्होंने कांग्रेस को भी इसी तरह समर्थन दिया था। उस वक्त भी आंकड़ा 40 और 31 सीट पर फंस गया था और गोपाल कांडा ने कांग्रेस के पक्ष में जाकर भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार बना दी थी।
हरियाणा में ऐसे आए नतीजे: बता दें कि हरियाणा विधानसभा में 90 सीटें हैं। इनमें से बीजेपी ने 40 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस के खाते में 31 व जेजेपी के पास 10 सीटें हैं। इस तरह बीजेपी बहुमत से 6 सीटें दूर रह गईं।
Hindi News Today, 25 October 2019 LIVE Updates: देश-दुनिया की हर खबर पढ़ने के लिए यहां करें क्लिक
10 साल पहले हुआ था ऐसा: 2009 के विधानसभा चुनाव में भी हरियाणा का गणित 40 और 31 सीट पर ही फंसा था। उस वक्त कांग्रेस 40 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। वहीं, आईएनएलडी के खाते में 31 सीटें गई थीं।
कांडा ऐसे बने थे संकटमोचक: बता दें कि 2009 में गोपाल कांडा आईएनएलडी के सहयोगी थे। उस दौरान उन्होंने हरियाणा के विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया, लेकिन आईएनएलडी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। ऐसे में कांडा निर्दलीय चुनाव लड़े और जीत गए थे। जब हुड्डा के नेतृत्व वाली सरकार बहुमत हासिल नहीं कर सकी तो कांडा ने समर्थन दिया था और गृह राज्यमंत्री बन गए थे।
2009 विधानसभा चुनाव के नतीजे: हरियाणा में 2009 के विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने 40 सीटें जीती थीं। वहीं, आईएनएलडी 31 सीटों पर अटक गई थी। उस वक्त हरियाणा जनहित कांग्रेस के पास 6 सीटें, निर्दलीय 7, बीजेपी 4 सीटों पर जीते थे। इसके अलावा एक-एक सीट बीएसपी व अकाली दल के खाते में थी।