Nangal Chaudhry Assembly Elections 2024

नांगल चौधरी विधानसभा सीट पर इस बार BJP ने Dr. Abhe Singh Yadav को उम्मीदवार बनाया। वहीं INC ने Manju Choudhary को उम्मीदवार बनाया।

Live Results

CandidatesPartyStatus
Manju Choudhary INC Winner
Dr. Abhe Singh Yadav BJP Loser
Kartar Singh IND Loser
Rao Om Prakash Engineer Jannayak Janta Party Loser
Sagar Chauhan Veer Lakshya Party Loser

नांगल चौधरी विधानसभा चुनाव विजेताओं की सूची

Year
Party
Candidates Name
2019
Dr. Abhe Singh Yadav
2014
Abhay Singh Yadav
2009
Bahadur Singh

नांगल चौधरी उम्मीदवार सूची 2024

नांगल चौधरी उम्मीदवार सूची 2019

नांगल चौधरी उम्मीदवार सूची 2014

नांगल चौधरी उम्मीदवार सूची 2009

अन्‍य चुनावी खबरें

FAQ’s

हरियाणा और जम्मू कश्मीर दोनों ही राज्यों में विधानसभा की 90 सीटें हैं। जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों में से 17 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं।

जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में मतदान किया जाएगा। पहले चरण का मतदान 18 सितंबर, दूसरे चरण का मतदान 25 सितंबर और तीसरे व अंतिम चरण का मतदान 1 अक्टूबर को होगा। वहीं हरियाणा में 5 अक्टूबर को एक ही चरण में मतदान होगा। दोनों ही राज्यों में नतीजे 8 अक्टूबर को आएंगे।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में कुल 88,66,704 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। कुल वोटर्स में से 75,834 सर्विस वोटर्स हैं जबकि 87,90,870 जनरल वोटर्स हैं। वहीं हरियाणा में जनरल वोटर्स की संख्या- 2,01,90,184 है। यहां सर्विस वोटर्स- 1,10,071 हैं। इस प्रकार राज्य में कुल मतदाताओं की संख्या- 2,03,00,255 है।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में बीजेपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस और पीडीपी प्रमुख दल हैं। वहीं हरियाणा में बीजेपी, कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है। इसके अलावा जननायक जनता पार्टी, इंडियन नेशनल लोकदल, बहुजन समाज पार्टी, आम आदमी पार्टी, आजाद समाज पार्टी भी चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रही है।

Disclaimer:डिस्क्लेमर: इस पेज पर निर्वाचन क्षेत्रों के वर्तमान और पिछले चुनावों के बारे दी गई जानकारी https://old.eci.gov.in/statistical-report/statistical-reports/ और https://affidavit.eci.gov.in/ सहित विभिन्न पब्लिक प्लेटफार्मों से ली गई है। इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया भारत में चुनाव से जुड़े आंकड़ों के लिए आधिकारिक स्रोत है। हम यहां दी जा रही जानकारी के लिए उनके आधिकारिक रिकॉर्ड पर निर्भर हैं। हालांकि चुनावी प्रक्रियाओं की जटिलता और संभावित डेटा विसंगतियों की वजह से यहां दी गई जानकारियों में कभी-कभी अशुद्धियां या चूक हो सकती है।