लालमानी वर्मा, रवीश कुमार

गुजरात विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने एक बार फिर बाजी मारी है। 182 सदस्ययी विधानसभा के लिए 9 और 14 दिसंबर को हुई वोटिंग के नतीजे सोमवार को जारी किए गए। इसमें बीजेपी को 99, कांग्रेस को 77 और अन्य को 6 सीटें मिलीं। लेकिन गौर करने वाली बात है कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों की तुलना में बीजेपी ने 7 प्रतिशत से ज्यादा वोट हासिल किए हैं, लेकिन बीजेपी को जहां 16 सीटों पर हार मिली है, वहीं कांग्रेस को 18 सीटों का फायदा हुआ है। यह विरोधाभास गुजरात में बड़े पैमाने पर हुए शहरी-ग्रामीण विभाजन से समझा जा सकता है। इस बार बीजेपी को 1.47 करोड़ वोट (49.1 प्रतिशत) मिले, जबकि कांग्रेस और उसके सहयोगियों को 1.26 करोड़ (41.1 प्रतिशत) वोट। इसका मतलब है कि कांग्रेस पर बीजेपी की बढ़त गिरकर 20.64 लाख पहुंच गई है, जबकि 2012 के विधानसभा चुनावों में यह 24.45 लाख थी। बीजेपी को 99 विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस की तुलना में 29.67 लाख वोट मिले हैं।

लेकिन बीजेपी को सिर्फ 48 शहरी विधानसभा सीटों पर 72 प्रतिशत वोट मिले हैं। जबकि बीजेपी ने ग्रामीण इलाकों की जिन 51 सीटों पर कब्जा किया है, उसमें पार्टी की बढ़त सिर्फ 28 प्रतिशत (8.41 लाख वोट) है। अगर 99 सीटों पर बीजेपी की जीत का मार्जिन देखें तो सामने आता है कि ग्रामीण की तुलना में बीजेपी ने शहरी इलाकों में ज्यादा बेहतर प्रदर्शन किया है। शहरी इलाकों में बीजेपी का औसत मार्जिन 44,295 वोट है, जबकि शहरी इलाकों में यह औसत जीत का मार्जिन सिर्फ 16,483 वोट है।

2017 में औसतन 99 विधानसभाओं में बीजेपी की जीत का मार्जिन 29,968 वोट है। 2012 में बीजेपी द्वारा जीती गईं 115 सीटों पर जीत का मार्जिन 26,236 वोट था। वहीं कांग्रेस के विक्ट्री मार्जिन में एेसा नजर नहीं आता। कांग्रेस को 77 विधानसभा सीटों पर जीत मिली है, यानी बीजेपी पर 10.28 लाख वोटों की बढ़त। हालांकि कांग्रेस को 88 प्रतिशत की बढ़त ग्रामीण इलाकों से मिली है, जबकि शहरी इलाकों से 12 प्रतिशत।  इस बार कांग्रेस का 77 विधानसभा सीटों पर विनिंग मार्जिन औसतन 13,331 वोट का रहा। यह 2012 में जीती 61 सीटों पर 13,577 के अपने औसत जीतने के अंतर के समान है।

58 शहरी सीटों में से (जहां शहरी आबादी 50 प्रतिशत से अधिक है), भाजपा ने 48 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि कांग्रेस ने बाकी 10 पर। 2012 में भाजपा ने 52 शहरी सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस ने केवल छह शहरी सीटों पर कब्जा किया था। 124 ग्रामीण सीटों में भाजपा ने 51 (पिछली बार की 63 से कम) और कांग्रेस ने 67 सीटें जीती हैं। 2012 में कांग्रेस ने 55 सीटें जीती थीं।