Vaibhav Jha, अहमदाबाद
Lok Sabha Election 2019: लोकसभा चुनाव 2019 के लिए तीसरे चरण के मतदान मंगलवार को हुए। कई मतदाताओं ने ईवीएम के साथ अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कीं। इन तस्वीरों से यह भी पता लगा कि उन्होंने किसे वोट दिया है। यह मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन है। चुनाव आयोग के निर्देशों के मुताबिक, पोलिंग बूथ के अंदर मोबाइल, कॉर्डलेस फोन या वायरलेस सेट के इस्तेमाल की मनाही है। इसे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना जाता है। हालांकि, अहमदाबाद, सूरत और गुजरात के दूसरे शहरों के बहुत सारे वोटरों ने ईवीएम पर वोट बटन दबाते हुए अपनी तस्वीरें टि्वटर और फेसबुक पर शेयर कीं।
बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के नेता अकरम शाह ने भी एक फोटो शेयर की। इस तस्वीर में उनका वोटर आईडी कार्ड ईवीएम के पास रखा नजर आता है। तस्वीर में ईवीएम पर कैंडिडेट के नाम के आगे लाल रोशनी भी जलती नजर आती है, जो उनके वोट डालने का ‘सबूत’ है। एक टि्वटर यूजर ने मांग की थी कि अकरम इस बात के सबूत दें कि उन्होंने एक पार्टी विशेष को ही वोट दिया। इसके बाद, अकरम ने यह तस्वीर शेयर की। मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के उल्लंघन के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा कि उन्होंने वही किया, जो कई दूसरे लोगों ने भी किया।
शाह ने कहा, ‘जब मैं तस्वीर खींच रहा था, मुझे पोलिंग बूथ के अंदर किसी ने नहीं रोका।’
वहीं, सूरत के राहुल पाटिल और अहमदाबाद के आनंद कुमार ने भी वोट बटन दबाते हुए सोशल मीडिया पर तस्वीरें शेयर कीं। पाटिल ने इसे बारे में पूछे जाने पर कहा कि उन्हें पोलिंग बूथ के अंदर तैनात सुरक्षाकर्मी ने नहीं रोका। वहीं, कुमार ने कहा कि उन्हें चुनाव आयोग की ऐसी किसी गाइडलाइन की जानकारी नहीं है। अहमदाबाद के कलेक्टर विक्रांत पांडेय ने कहा, ‘हम ऐसे मामलों को देख रहे हैं। ईवीएम की तस्वीरें सेलफोन के जरिए खींचना मतदान की प्रक्रिया की प्राइवेसी का उल्लंघन है। हालांकि, यह वोटरों की ओर से जानबूझकर किया जा रहा उल्लंघन नहीं है।’
Read here the latest Lok Sabha Election 2019 News, Live coverage and full election schedule for India General Election 2019

