आम आदमी पार्टी के गोवा के मुख्यमंत्री उम्मीदवार एल्विस गोम्स ने रविवार (29 जनवरी) को अपना दिन सुबह करीब आठ बजे स्थानीय “आवर लेडी ऑफ पेइटी चैपल” चर्च से शुरू किया। चर्च के युखारिस्ट सर्विस में विषय था चुनाव। यहां एक बुकलेट रखी जिसमें देशभक्ति थोपने, नोटबंदी और शिक्षानीति में बदलाव इत्यादि से जुड़े मुद्दों पर ध्यान दिलाया गया है।
पूर्व नौकरशाह गोम्स कहते हैं, “गाइडलाइन साफ हैं कि ईमानदार और पारदर्शी प्रत्याशी चाहिए। और जब वो ऐसे प्रत्याशियों की बात करते हैं तो उन्हें ऐसे प्रत्याशी केवल आप में मिलेंगे।” गोम्स ने पिछले साल सितंबर में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी। उनका आरोप था कि राज्य की भाजपा सरकार उनके दरकिनार कर रही थी।
गोवा में 25 प्रतिशत से ज्यादा मतदाता ईसाई हैं और ज्यादातर दक्षिण गोवा में रहते हैं। गोम्स जिस कनकोलिम विधान सभा से उम्मीदवार हैं वो ईसाईबहुल है। चर्च हर चुनाव से पहले एक बयान जारी करता है। साल 2012 के विधान सभा चुनाव से पहले चर्च ने भ्रष्टाचार की कड़े शब्दों में निंदा की थी। उस समय राज्य में निवर्तमान सरकार कांग्रेस की थी।

पिछले रविवार (29 जनवरी) को जब गोम्स नाश्ता करने के बाद आम आदमी पार्टी के दफ्तर पहुंचे तो पार्टी कार्यकर्ताओं ने उन्हें योगेंद्र यादव का ट्वीट दिखाया। यादव ने लिखा था कि आप गोवा में पार्टी की मूल छवि की झलक आ रही है। ईमानदार सीएम उम्मीदवार, बाकियों से साफ-सुथरी छवि वाले प्रत्याशी। यादव का बयान इसलिए भी मायने रखता हैं क्योंकि वो आप पंजाब को लेकर लगातार आलोचनात्मक रहे हैं।
गोम्स के समर्थकों का पूरा ध्यान उन इलाकों में जिन्हें परंपरागत तौर पर कांग्रेस का माना जाता था। ऐसे ही बल्ली और पट्टम विधान सभा में गोम्स मतदाताओं से पूछते हैं कि क्या उन्हें पता है कि उन्हें किस चुनाव चिह्न पर वोट देना है। गोम्स के बेटे एरोन कहते हैं, “हम किस्मत वाले हैं हर घर में झाड़ू है। इसलिए हमें बस उन्हें इशारा कर देना है और याद दिला देना है। जिस तरह आप रोज अपना घर साफ करते हैं उसी तरह इस बार गोवा को साफ कीजिए।”

गोम्स मानते हैं कि पट्टम में उन्हें मतदाताओं को समझाना मुश्किल हो रहा है। गोम्स कहते हैं, “ज्यादा शराब पीने के कारण कइयों के पिता कम उम्र में मर गए। पैसा एक फैक्टर है…लेकिन महिलाएं समझती हैं। वो अपने बच्चों के लिए बेहतर भविष्य चाहती हैं।”
यहां आप की कार्यकर्ता दो टीमों में बंटकर वोटरों के घर-घर जाते हैं। गोम्स और कुछ कार्यकर्ता वोटरों के घर पर थोड़ी देर रुककर आगे बढ़ जाते हैं लेकिन दूसरी टीम वहीं रहकर वोटर को आप को वोट देने के फायदे विस्तार से बताती है। ये टीम मतदाताओं को एक कार्ड भी दे रही है।
गोम्स कहते हैं, “ये एक एस्योरेंस कार्ड है जिस पर हमारे वादे लिखे हैं। दूसरी पार्टियों ने अपने वादे पूरे नहीं किए हैं जिससे लोगों का आत्मविश्वास गिर गया है।”

गोम्स दोपहर 1.15 तक अपने दफ्तर वापस पहुंचते हैं। वो मतदान केंद्रों पर जरूरी कार्यकर्ताओं संख्या पर चर्चा करते हैं। वो लंच में फिश करी, चावल और चिकन चटनी खाते हैं। खाने के साथ-साथ वोटरों के आप को वोट देने से जुड़ी बहस जारी रहती है।
लंच के बाद गोम्स आदिवासी कार्यकर्ता रामदास नाइक के घर जाते हैं जहां 20 महिलाएं उनका इंतजार कर रही हैं। गोम्स पूछते हैं, “कांग्रेस ने आप लोगों के लिए क्या किया? वो बस भाजपा के संग सत्ता की अदलाबदली करती रहती है। केवल हमारी पार्टी ने पांच महिलाओं और चार आदिवासियों को टिकट दिया है।” गोम्स ने वहां मौजूद लोगों को आप के घोषणापत्र की अहम बातें भी बताईं। आप की घोषणाएं ज्यादातर दिल्ली जैसी ही हैं। यहां मौजूद एक महिला मारिया डी सूजा कहती हैं, “हमें पता है कि एल्विस अच्छे उम्मीदवार हैं…हमने सरकार में उनके काम के बारे में काफी सुना है। लेकिन क्या आप भाजपा को आने से रोक सकेगी?”
वीडियो: गोवा में AAP के सीएम उम्मीदवार के साथ एक दिन

