मणिपुर में एन बीरेन सिंह को एक बार फिर से सीएम पद के लिए चुन लिया गया है। काफी दिनों से जारी इस सस्पेंस पर अब भाजपा ने ब्रेक लगाते हुए बीरेन सिंह का नाम सीएम पद के लिए फाइनल कर दिया है। कभी कांग्रेस के साथ रहे बीरेन सिंह अब बीजेपी के नक्शे कदम पर चलते हुए दूसरी बार मणिपुर के सीएम बनने के लिए तैयार हैं। उनके नाम की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि उनके सीएम बनने से राज्य में तेज गति से विकास होगा।
निर्मला सीतारमण ने की घोषणा: रविवार को केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और किरेन रिजिजू इम्फाल पहुंचे, जहां सीएम के नाम को लेकर घोषणा की गई। ये दोनों मणिपुर के लिए भाजपा के केंद्रीय पर्यवेक्षक हैं। सीतारमण ने नाम की घोषणा करते हुए कहा- “यह सभी की सर्वसम्मति से लिया गया एक अच्छा निर्णय है। यह सुनिश्चित करेगा कि मणिपुर में एक स्थिर और जिम्मेदार सरकार हो जो आगे राज्य का विकास करे, केंद्र आज पीएम मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर राज्यों पर विशेष ध्यान दे रहा है”।
चुनाव में सीएम फेस नहीं: इससे पहले भी बीरेन सिंह ही सीएम थे, लेकिन हाल ही में संपन्न हुए चुनावों में बीजेपी ने सीएम पद के लिए किसी उम्मीदवार की घोषणा नहीं की थी। जीत के बाद नाम को लेकर काफी खींचतान होती रही, लेकिन एक बार फिर से बीरेन सिंह बाजी मारने में सफल रहे हैं।
ये थे दावेदार: सीएम पद के लिए बिस्वजीत सिंह के नाम की भी जोरों से चर्चा थी लेकिन एक बार फिर से वो बीरेन सिंह से पिछड़ गए हैं। इसके अलावा एक और नाम की चर्चा थी- युमनाम खेमचंद सिंह। युमनाम खेमचंद सिंह आरएसएस के काफी विश्वासपात्र माने जाते रहे हैं, उनसे भाजपा नेतृत्व ने शनिवार को मुलाकात भी की थी, लेकिन वो भी सीएम की रेस में पीछे रह गए।
कभी कांग्रेसी थे बीरेन सिंह- बीरेन सिंह कभी कांग्रेस में थे, लेकिन पाला बदलकर वो बीजेपी में आए और राज्य के सीएम बन गए। बीरेन सिंह 2002 में राजनीति में आए। उन्होंने मणिपुर के हिंगांग विधानसभा क्षेत्र से अपनी पहली चुनावी लड़ाई लड़ी और यहां से जीत हासिल की। उन्होंने 2007 में कांग्रेस के टिकट पर यह सीट अपने पास बरकरार रखी और 2012 तक मंत्री के रूप में कार्य किया। चार साल बाद, वे भाजपा में शामिल हो गए, और 2017 में उन्होंने फिर से अपनी इसी सीट से जीत हासिल की, जिसके बाद उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया।
फुटबॉलर भी रहे: बीरेन सिंह ने एक फुटबॉलर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। फुटबॉलर के रूप में घरेलू प्रतियोगिताओं में अपनी टीम के लिए खेलते हुए बीरेन सिंह सीमा सुरक्षा बल में भर्ती हो गए। इसके बाद जब बीएसएफ से निकले तो पत्रकार बन गए।