बाबरी मस्जिद पर दिए गए बयान को लेकर मालेगांव बम धमाके की आरोपी और भोपाल से बीजेपी उम्मीदवार प्रज्ञा ठाकुर की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। चुनाव अधिकारी ने उनके बयान को आचार संहिता का उल्लंघन बताया है और उनके खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। पिछले दिनों प्रज्ञा ठाकुर ने एक टीवी चैनल पर कहा था कि वह 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद गिराने वाले लोगों में शामिल थीं और वह बात पर गर्व करती हैं।
प्रज्ञा ठाकुर ने कहा था, “हमने अपने देश के ऊपर लगे कलंक को हटा दिया। हम ढांचा को गिराने के लिए गए थे। मैं गुंबद के ऊपर चढ़ गई थी और उसे तोड़ दिया। मैं इसको लेकर काफी गर्व का अनुभव करती हूं कि भगवान ने मुझे यह अवसर दिया। हम निश्चित रूप से उस जगह पर भव्य राम मंदिर का निर्माण करेंगे।” प्रज्ञा के इस बयान के बाद उन्हें चुनाव आयोग ने उन्हें सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने और दो संप्रदायों में तनाव पैदा करने के आरोप में नोटिस भेजा था। इस दौरान भी साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि वह अपने बयान पर कायम हैं।
अपने खिलाफ FIR दर्ज होने के मामले पर साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि यह एक कानूनी मामला है और इनकी लीगल टीम इसके बारे में विचार कर रही है। इससे पहले भी साध्वी प्रज्ञा ने मुंबई आतंकी हमले में शहीद हुए पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि उनकी श्राप की वजह से आतंकियों ने उन्हें मार डाला। प्रज्ञा के इस बयान पर चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया और उन्हें इसके लिए भी नोटिस भेजा था। नोटिस के जवाब में साध्वी ने कहा कि उन्होंने किसी का अपमान नहीं किया, बल्कि अपने साथ हुए दुर्व्यवहार के बारे में बताया।