Lok Sabha Election 2019 की तारीखों के ऐलान के बाद अब विपक्ष ने चुनाव आयोग पर बड़ा आरोप लगाया है। विपक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यात्रा कार्यक्रम खत्म न होने के चलते तारीखों के ऐलान में देरी की गई। विपक्ष के इस आरोप को खारिज करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा, ‘2014 में चुनावों की घोषणा 5 मार्च को की गई थी इसका मतलब यह नहीं है कि ऐसा हमेशा होगा। पिछली बार लोकसभा का आखिरी दिन 31 मई था और इस बार लोकसभा आखिरी दिन 3 जून है। इसलिए इस बार चुनाव की तारीखों की घोषणा देरी से की गई।’

साल 2014 में 9 चरणों में हुआ था चुनावः अरोड़ा ने बताया कि 2014 में लोकसभा चुनाव नौ चरणों में कराया गया था, वहीं इस साल 2019 में होने वाले चुनाव 7 चरणों में संपन्न होंगे। मतदान का पहला चरण 11 अप्रैल को संपन्न होगा और परिणाम 23 मई को घोषित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस बार देशभर के लगभग 10 लाख मतदान केंद्रों पर लोकसभा की 543 सीटों के लिए चुनाव होंगे।

कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने भी कसा तंजः पिछले हफ्ते कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने चुनाव की तारीखों की घोषणा करते हुए कहा था, ‘क्या आम चुनावों की घोषणा करने से पहले चुनाव आयोग प्रधानमंत्री मोदी की आधिकारिक यात्रा के कार्यक्रमों के खत्म होने का इंतजार कर रहा है? राजनीतिक रैलियों, प्रिंट-टीवी मीडिया में बीजेपी पार्टी संबंधी विज्ञापनों पर मोदी आखिरी वक्त तक जनता का पैसा खर्च कर रहे हैं, जिसे देखकर ऐसा लग रहा है कि चुनाव आयोग ने आगामी चुनावों की घोषणा करने में जान-बूझकर देरी की।’

 

आम आदमी पार्टी सांसद ने भी ने साधा निशानाः आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए पूछा था कि क्या पोल पैनल भाजपा के कार्यालय से संचालित होता है। सिंह ने ट्वीट किया, ‘2014 में चुनाव की तारीखों की घोषणा 5 मार्च को की गई, पिछले पांच दिनों में मोदी ने कई रैलियां कीं।’