मध्य प्रदेश में 28 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसे लेकर राज्य में अाचार संहिता लागू हो चुकी है। प्रशासन हर पल इस बात को लेकर चौकस है कि आचार संहिता का उल्लंघन न हो। ऐसा करने वाले के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जा रही है। रविवार (28 अक्टूबर) को राज्य के दतिया शहर में आचार संहिता के उल्लंघन मामले में प्रचारक देवकी नंदन ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि, बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया। यह जगह जातीय तनाव से प्रभावित है। एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के बाद 2 अप्रैल को दलितों द्वारा किए गए प्रदर्शन के दौरान दतिया में काफी ज्यादा तनाव हो गया था। देवकी नंदन ठाकुर एससी-एसटी एक्ट में संशोधन का विरोध करने के बाद चर्चा में आए थे। चर्चा है कि वे विधानसभा चुनाव लड़ सकते है। हालांकि, फिलहाल यह तय नहीं हो सका है कि वे विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाएंगे या नहीं?
इस पूरे मामले पर देवकी नंदन ठाकुर ने कहा, “अब तो ये हो गया है कि हमलोग माता रानी के दर्शन भी नहीं कर सकते। ये बात बिल्कुल भी ठीक नहीं है। हम यहां पर सिर्फ माता के दर्शन करने आए हैं। माता रानी को मनाने आए हैं। अगर इस तरीके से होगा तो ये बिल्कुल भी ठीक नहीं है। मुझे इसकी बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि ऐसा भी होगा। मां के दर्शन करने में भी व्यवधान होगा, ये कभी नहीं सोचा था।”
करीब 50 वाहनों पर सवार होकर ठाकुर और उनके समर्थक दतिया स्थित पीतंबरा पीठ पहुंचे थे। पुलिस ने ठाकुर और उनके समर्थकों को मंदिर जाने की इजाजत दी थी, लेकिन कुछ देर बाद जैसे ही वे मंदिर से बाहर आए, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और कोतवाली पुलिस थाना लाया गया। यहां ठाकुर के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया गया। ठाकुर की तरफ से विजय शुक्ला ने कहा कि, “यह गिरफ्तारी किसी लिहाज से उचित नहीं है क्योंकि प्रचारक केवल मंदिर जाना चाहते थे।” वहीं, एसपी मयंक अवस्थी ने कहा कि, “ठाकुर और उनके समर्थक बेल पर रिहा कर दिए गए।” बता दें कि राज्य में 28 नवंबर को होने वाले चुनाव को देखते हुए आचार संहित लागू की गई है। बिना इजाजत किसी तरह की रैली निकालने की अनुमति नहीं है।