Naveed Iqbal| दिल्ली नगर निगम (MCD) के चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी की दिल्ली युनिट में घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस के पुराने नेताओं की शिकायत है कि दिल्ली प्रदेश का कामकाज देख रहे नेता उन लोगों का फोन तक नहीं उठा रहे। जिससे उनको बेइज्जती महसूस होती है। दरअसल, पार्टी के पूर्व विधायकों को अलग-अलग इलाकों का सर्वे करने का काम दिया गया था। इसके साथ ही शीर्ष नेतृत्व ने कहा था कि टिकट बंटवारे के वक्त ग्राउंड पर काम कर रहे कार्यकर्ताओं की बात सुनी जाएगी। लेकिन अब राज्य की कामन संभाल रहे लोगों पर ही सवाल उठ रहे हैं। पुराने नेताओं और कार्यकर्ताओं का कहना है कि उनकी बात सुनी नहीं जा रही और ना ही उनके द्वारा बताए गए शख्स को टिकट दिया जा रहा।
कांग्रेस ने 272 वार्डों में 39,000 पार्टी कार्यकर्ता उतारे थे जिनको यह तय करना था कि उनके इलाके से किसको टिकट दिया जाए। एक विधायक ने इंडियन एक्सप्रेस के बात करते हुए कहा, ‘कुछ ऐसे लोग हैं जो 10-25 साल से विधायक हैं, उनसे अच्छा कौन बता सकता है कि उनके इलाके से कौन जीत सकता है ?’
इससे पहले कांग्रेस पार्टी के सीनियर नेता डॉ. ऐ के वालिया जो कि दिल्ली के स्वास्थय मंत्री भी रह चुके हैं उन्होंने पार्टी छोड़ने की पेशकेश करते हुए इस्तीफा देने की बात कही थी। उन्होंने टिकट बंटवारे में गड़बड़ी की बात कही थी। हालांकि, बाद में उन्हें पार्टी ना छोड़ने के लिए मना लिया गया। वालिया के अलावा पार्टी के और नेताओं ने भी कहा कि जिन लोगों का नाम कार्यकर्ताओं की तरफ से सुझाया गया था उन लोगों को टिकट ही नहीं दिया गया।
दलबदलुओं को टिकट: कांग्रेस ने दो ऐसे नेताओं का भी टिकट दिया है जो हाल ही में किसी दूसरी पार्टी को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए हैं। इसमें आप महिला मोर्चे की उपाध्यक्ष सीमा कौशिक को रोहिणी की सीट से लड़ाया जा रहा है वहीं बीजेपी छोड़कर आए चंद्र प्रकाश को भी टिकट दी गई है।
इंडियन एक्सप्रेस ने इस बारे में कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन से बात की। उन्होंने कहा कि इलाके में सबसे प्रचलित उम्मीदवार को टिकट दिया गया है।
दिल्ली में 23 अप्रैल को दिल्ली के तीनों निगमों के लिए वोटिंग होनी है। चुनाव नतीजे 26 अप्रैल को आएंगे।