आम चुनावों के सातवें और आखिरी चरण के तहत केरल में 7 पोलिंग बूथ्स पर पुनर्मतदान कराया जा रहा है। दरअसल कन्नूर और कासरगोड लोकसभा सीटों के इन पोलिंग बूथ्स पर फर्जी मतदान के आरोप लगे थे। जिसके बाद चुनाव आयोग ने इन सात बूथ्स पर हुए मतदान को रद्द कर यहां सातवें चरण के तहत फिर से मतदान कराने का फैसला किया है। रविवार को इन पोलिंग बूथ्स पर अंतिम चरण के दौरान हो रही वोटिंग के बीच सीपीआई (एम) नेता और कन्नूर के पार्टी जिला सचिव एम.वी जयराजन ने कुछ ऐसा कह दिया है, जिससे विवाद हो गया है। दरअसल उन्होंने आरोप लगाए हैं कि जो महिलाएं नकाब में वोट डालने की जिद करें, तो इसका मतलब है कि वह फर्जी वोट डाल रही हैं। सीपीआई नेता ने नकाब में वोट डालने पर रोक लगाने की मांग की है।
शुक्रवार को कन्नूर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए जयराजन ने कहा कि महिलाएं, जब वोट डालते समय लाइन में लगती हैं तो उन्हें अपने नकाब उतार देने चाहिए। केवल उन्हीं महिलाओं को वोट देने की अनुमति मिलनी चाहिए, जिनका चेहरा साफ दिखाई दे। सीपीआई नेता ने यह भी कहा कि महिलाओं को वोट देने से पहले नकाब उतारकर कैमरे के सामने खड़ा होना चाहिए, जिससे उनकी पहचान हो सके। वहीं सीपीआई नेता के इस बयान पर विवाद हो गया है और कन्नूर, जहां मुस्लिम समुदाय अच्छी खासी तादाद में है, वहां लोगों ने इसका विरोध शुरु कर दिया है।
वहीं विवाद बढ़ता देख सीपीआई (एम) ने सफाई दी है और कहा है कि नकाब में वोट डालने आने में कुछ भी बुराई नहीं है। पार्टी के राज्य सचिव कोडियारी बालाकृष्णन ने कहा कि नकाब ड्रेस कोड का हिस्सा है और महिलाओं को आजादी है कि वह नकाब पहन सकती हैं। सीपीआई के राज्य सचिव ने कहा कि यदि पोलिंग एजेंट मांग करे, तभी नकाब उतारने की जरुरत है, अन्यथा इसकी कोई जरुरत नहीं है। वहीं विपक्षी कांग्रेस पार्टी ने सीपीआई नेता एम.वी जयराजन के बयान को ‘बेहद अपमानजनक’ बताया है। वहीं केरल के मुख्य चुनाव अधिकारी टीका राम मीणा का कहना है कि जो महिलाएं नकाब पहनकर मतदान कर रही हैं, उनकी पहचान की जाएगी। एक महिला अधिकारी की इसके लिए तैनाती की जाएगी, ताकि फर्जी वोटिंग को रोका जा सके।

