आगामी लोकसभा चुनाव में अब बस कुछ महीने शेष रह गए हैं। तमाम राज्यों में राजनीतिक दलों के बीच जोड़तोड़ की राजनीति शुरू हो चुकी है। इस बीच पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को तगड़ा झटका लगता है। कांग्रेस सांसद मौसम नूर ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गई। सांसद मौसम नूर ने सोमवार (28 जनवरी) को तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख व राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के समक्ष टीएमसी की सदस्यता ग्रहण की। चुनाव से पहले बंगाल में माल्दा (उत्तर) से सांसद मौसम नूर के द्वारा टीएमसी का दामन थामना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। दिवंगत कांग्रेस नेता एबीए गनी खान चौधरी की भतीजी नूर ने राज्य सचिवालय ‘नबन्ना’ में ममता बनर्जी से मुलाकात की और औपचारिक रूप से पार्टी की सदस्यता ली।
गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनाव 2014 में पार्टी ने राज्य की 42 सीटों में से चार पर जीत हासिल की थी। नूर दूसरी बार लोकसभा पहुंची थीं। नूर ने टीएमसी में शामिल होने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं दीदी (ममता) से प्रभावित हूं। मैं राज्य के विकास के लिए उनके निर्देशों पर काम करुंगी। हमें भाजपा से मुकाबला करना है और मुझे पूरा भरोसा है कि तृणमूल कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में सभी 42 सीटों पर जीत हासिल करेगी।’’
लोकसभा चुनाव के दौरान सभी विपक्षी पार्टियों ने कोलकाता में ममता बनर्जी द्वारा आयोजित रैली में एक मंच पर आने का संकेत दिया था, लेकिन उनकी कोशिश विफल होती दिख रही है। उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन द्वारा सीटों का बंटवारा किए जाने के बाद कांग्रेस ने राज्य में अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा की। उसके बाद आंध्र प्रदेश में भी कांग्रेस ने ‘एकला चलो रे’ के सिद्धांत को अपनाया। अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव और केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने कहा कि हम सभी 175 विधानसभा सीटों और 25 लोकसभा सीटों पर अकेले लड़ेंगे। तेदेपा के साथ हमारा गठबंधन केवल राष्ट्रीय स्तर पर है, ऐसे में हम राज्य में गठबंधन इसके साथ नहीं करेंगे। बिहार में भी कुछ ऐसे ही हालात बनते दिख रहे हैं। ऐसी स्थित में कांग्रेस सांसद का तृणमूल कांग्रेस में शामिल होना यह दिखा रहा है कि शायद यहां भी कांग्रेस तृणमूल कांग्रेस से गठबंधन किए बिना ही चुनाव लड़ सकती है। (एजेंसी इनपुट के साथ)