Jind Election Result 2019: लोकसभा चुनाव 2019 से पहले हरियाणा की जींद विधानसभा में हुए उपचुनाव के नतीजे आ चुके हैं। यहां बीजेपी प्रत्याशी कृष्ण लाल मिड्ढा ने 12,935 वोटों से जीत दर्ज की है। उन्हें कुल 50,566 मत प्राप्त हुए। दूसरे नंबर पर रहे दिग्विजय चौटाला को 37,631 मत प्राप्त हुए जबकि कांग्रेस के रणदीप सिंह सुरजेवाला को 22,740 वोट ही मिले। बता दें कि इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के विधायक डॉक्टर हरिचंद मिड्ढा के निधन के बाद जींद सीट खाली हुई थी। जिसके बाद उनके बेटे कृष्ण लाल मिड्ढा ने बीजेपी प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा। बता दें कि कृष्ण मिड्ढा दो महीने पहले ही इनेलो छोड़ बीजेपी में शामिल हुए हैं। इस उपचुनाव के लिए कुल 21 उम्मीदवार मैदान में थे। लेकिन मुख्य मुकाबला कांग्रेस, बीजेपी, इनेलो और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के बीच माना जा रहा था।

मैदान में थे ये प्रत्याशी- बता दें कि बीजेपी की ओर से दिवंगत इनेलो विधायक हरिचंद मिड्ढा के बेटे कृष्ण लाल मिड्ढा मैदान में थे तो वहीं कांग्रेस से राष्ट्रीय प्रवक्ता राष्ट्रीय प्रवक्ता और कैथल विधायक रणदीप सिंह सुरजेवाला, इनेलो से उमेद सिंह रेढू और इनेलो से अलग होकर बनी जननायक जनता पार्टी के दिग्विजय चौटाला चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे थे।

कौन हैं कृष्ण लाल मिड्‌ढा- बीजेपी प्रत्याशी कृष्ण मिड्ढा इनेलो नेता और विधायक रहे दिंवगत डॉ. हरिचंद मिड्ढा के बेटे है। 48 वर्षीय कृष्ण मिढ़ा पेशे से चिकित्सक (BAMS) है। उनके पर कोई भी आपराधिक मामला नहीं दर्ज है। बता दें कि कृष्ण मिड्ढा के पिता 2009 में इनेलो की टिकट पर कांग्रेस के मांगेराम गुप्ता को हराकर पहली बार विधायक बने थे। इसके बाद 2014 के चुनाव में डॉ. हरिचंद मिड्ढा ने मोदी लहर के बावजूद भी बीजेपी प्रत्याशी सुरेंद्र बरवाला को हराकर जीत हासिल की थी।

बीजेपी के अंदर से खड़े हुए थे सवाल- गौरतलब है कि कृष्‍ण मिड्ढा हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए थे और पार्टी ने तुरंत ही उन्हें जींद से अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। जिसके बाद से ही बीजेपी के अंदर से सवाल उठते रहें है। कृष्‍ण मिड्ढा के नाम को की घोषणा होते ही टिकट के दावेदार सुरेंद्र बरवाला, राजेश गोयल और मास्टर गोगल समेत कई नेताओं को मायूसी हाथ लगी थी। इस दौरान बीजेपी के प्रदेश सचिव जवाहर सैनी ने तो सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर खुली नाराजगी भी जाहिर कर दी थी। सैनी ने अपनी फोटो शेयर करते हुए लिखा कि वह 32 साल से पार्टी की सेवा कर रहे हैं, लेकिन दो महीने उन पर भारी पड़ गए। मेरा क्या कसूर?

चौथी बार 75 फीसदी से ज्यादा मतदान- जींद उपचुनाव में 1,30,824 (75.72%) वोटर्स ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। यहां के चुनावी इतिहास में चौथी बार 75% से ज्यादा मतदान हुआ है। इसके पहले 1987 में सबसे अधिक 76.28% मतदान हुआ था। इस बार चुनाव में वीवीपैट का भी इस्तेमाल किया गया।

जींद सीट पर बीजेपी को नहीं मिल सकी थी जीत- जींद में किसी भी जाट उम्मीदवार को और ना ही दशकों से बीजेपी उम्मीदवार को जीत मिली थी। यहां से गैर जाट प्रत्याशी ही जीतते रहें हैं। इसी के मद्देनजर बीजेपी ने भी कृष्ण मिड्ढा को अपना प्रत्याशी बनाया था। गौरतलब है कि 2014 के चुनाव में मोदी लहर में भी बीजेपी प्रत्याशी हार गए थे। लेकिन इस बार कृष्ण मिड्ढा ने यहां से जीत दर्ज कर बीजेपी की हार का सिलसिला तोड़ दिया है।

बता दें कि जींद विधानसभा में अब तक 12 बार चुनाव हुए हैं। इनमें 5 बार यह सीट कांग्रेस ने जीती, 4 बार आईएनएलडी और हरियाणा विकास पार्टी, एनसीओ और निर्दलीय विधायक एक-एक बार जीत दर्ज करने में सफल रहें है। कांग्रेस नेता मांगेराम गुप्ता यहां से 4 बार जीत चुके हैं, लेकिन 2009 में आईएनएलडी नेता हरिचंद मिड्ढा ने उन्हें हरा दिया था। वहीं, 2014 में हरिचंद मिड्ढा ने आईएनएलडी से बीजेपी में गए सुरेंद्र बरवाला को महज 2257 वोट से मात दी थी।