लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी इस बार बड़ा टारगेट सेट कर रही है। पार्टी हर कीमत पर अपने लिए 370 सीटें और एनडीए के लिए 400 से ज्यादा सीटे चाहती है। अब इस टारगेट को पूरा करने के लिए हर कीमत पर दक्षिण भारत में अच्छा प्रदर्शन करना जरूरी है। इसी कड़ी में आंध्र प्रदेश में बीजेपी का टीडीपी के साथ गठबंधन फाइनल हो गया है।
चंद्रबाबू नायडू ने खुद इस बात की पुष्टि कर दी है। उनकी तरफ से आंध्र प्रदेश के लिए इसे विन विन वाली स्थिति बता दिया गया है। जारी बयान में टीडीपी प्रमुख ने कहा कि आंध्र प्रदेश पूरी तरह बर्बाद हो चुका है। बीजेपी और टीडीपी का साथ आना तो अब एक विन विन वाली स्थिति है। पूरे देश और राज्य के लिए ये फायदेमंद होने वाला है। अब समझने वाली बात ये है कि आंध्र प्रदेश में इस गठबंधन की चर्चा लंबे समय से चल रही थी।
शुक्रवार को चंद्रबाबू नायडू और पवन कल्याण की गृह मंत्री अमित शाह से कई घंटों की एक मुलाकात भी हुई। उस मुलाकात के बाद ही स्थिति साफ हो चुकी थी, अब चंद्रबाबू नायडू के बयान ने भी उस पर मुहर लगा दी है। अब जो सीट शेयरिंग का फॉर्मूला सामने आया है, उसमें टीडीपी ही सबसे बड़ी पार्टी बनती दिख रही है। बताया जा रहा है कि 25 लोकसभा सीटों में से बीजेपी को सिर्फ 6 सीटें दी जाएंगी, वहीं टीडीपी खुद 17 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है।
पार्टी की तरफ से तर्क दिया गया है कि क्योंकि वो प्रमुख विपक्षी दल है, ऐसे में ज्यादा सीटों पर उसे ही लड़ना है। अब पहले बीजेपी अपने लिए 10 सीटें चाहती थी, लेकिन अब डील फाइनल हो चुकी है। कुछ दिनों के अंदर में इसे लेकर एक आधिकारिक घोषणा भी कर दी जाएगी। इसके अलावा खबर तो ये भी है कि 17 मार्च को चंद्रबाबू नायडू बीजेपी के साथ एक संयुक्त रैली भी कर सकते हैं।
वैसे बीजेपी के लिए ये गठबंधन काफी फायदे का सौदा साबित हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस बार पार्टी को दक्षिण भारत में ज्यादा सीटें जीतनी है। ऐसा तभी जितने ज्यादा क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन होंगे, पार्टी की राह उतनी ही आसान हो सकेगी।