Lok Sabha Elections 2024: देश में चुनाव आते ही राजनीतिक पार्टियों के नेताओं का एक दल से दूसरे दल में जाना पिछले कुछ वर्षों में आम हो गया है। ऐसा नहीं है कि राजनीति में दल बदलने की प्रथा नई है लेकिन अब इसमें इतनी तेजी आ गई है कि एक पार्टी को छोड़ना, दूसरे दल का दामन थामना और फिर टिकट हासिल करना आम बात हो गई है।

हरियाणा जैसे छोटे राज्य में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने दस लोकसभा सीट में से छह पर कांग्रेस के पूर्व नेताओं को टिकट दिया है। इनमें भी नवीन जिंदल और रणजीत सिंह चौटाला टिकट मिलने से कुछ देर पहले ही भाजपा में शामिल हुए थे।

BJP ने कांग्रेस से आए नवीन जिंदल को कुरुक्षेत्र से लोकसभा चुनाव के मैदान में उतारा है। यह सीट आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के बीच समझौते के तहत AAP को मिली है। AAP ने यहां से सुशील गुप्ता को टिकट दिया है।

रणजीत चौटाला लड़ेंगे हिसार से चुनाव

नवीन जिंदल की तरह ही कुछ देर में पार्टी का टिकट पाने वाले रणजीत सिंह चौटाला हिसार से BJP के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे। चौटाला को 2019 में कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया तो उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी। वे 2019 में रानियां विधानसभा से निर्दलीय चुनाव जीते थे।

हरियाणा विधानसभा चुनाव जीतने के बाद जब BJP को सरकार बनाने के लिए पूरे नंबर नहीं मिले तो उन्होंने बिना किसी शर्त के मनोहर लाल खट्टर सरकार को समर्थन दिया था। उसके बाद उन्हें बिजली और जेल मंत्री बना दिया गया था। 12 मार्च को नई सरकार के गठन के बाद उन्हें मंत्री पद से नवाजा गया।

अरविंद शर्मा रोहतक से चुनाव मैदान में

आम आदमी पार्टी की हरियाणा चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष अशोक तंवर इसी साल 20 जनवरी को अपने समर्थक समर्थकों के साथ BJP में शामिल हुए थे। तंवर ने 18 जनवरी को AAP की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। वे हिसार से लोकसभा सांसद और हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्होंने 2019 में कांग्रेस छोड़ी थी।

BJP ने कभी कांग्रेसी रहे अरविंद शर्मा को फिर से रोहतक से चुनाव के मैदान में उतारा है। वे वर्तमान में रोहतक से बीजेपी के सांसद हैं। वे 2004, 2009 और 2014 में कांग्रेस के टिकट पर जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। राव इंद्रजीत और धर्मवीर सिंह 2014 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए थे और पार्टी ने पिछले दो लोकसभा चुनाव में इन्हें टिकट दिया है और अब तीसरी बार इन पर भरोसा जताया है।

हरियाणा BJP के एक नेता के मुताबिक पार्टी में आने के कुछ मिनटों में ही किसी दूसरे दल के व्यक्ति को टिकट देने से पार्टी के कार्यकर्ताओं के मनोबल पर तो नकारात्मक असर पड़ता ही है। साथ ही उन्होंने कहा कि बीजेपी में दो तरह के लोग हैं, पहले वे जो मानते हैं कि आलाकमान जो करता है वह पार्टी और देश के भले के लिए ही करता है। दूसरे वे जो कुछ निर्णयों का विरोध करते हैं लेकिन उनकी सुनता कोई नहीं है।