भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार (28 नवंबर) को आरोप लगाया कि तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए हैदराबाद के 15 निर्वाचन क्षेत्रों के वोटर लिस्ट में अवैध रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों को शामिल किया गया है। बीजेपी ने इस मामले में सत्ताधारी टीआरएस, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम और कांग्रेस को लपेटा है। बीजेपी ने इसे इन पार्टियों की ‘मिलीजुली साजिश’ करार दिया है। इस मामले में केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, पार्टी महासचिव अरुण सिंह और बीजेपी के नैशनल मीडिया हेड अनिल बलूनी ने शीर्ष चुनाव आयोग अफसरों से मुलाकात की। नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने इस मामले पर इन्हें एक ज्ञापन भी सौंपा है।

नकवी ने पत्रकारों को कहा कि इस बारे में केंद्रीय गृह मंत्रालय यह साफ-साफ निर्देश दे चुका है कि रोहिंग्या मुसलमान भारतीय नागरिक नहीं हैं, इसके बावजूद तेलंगाना में इन लोगों को वोटरों के तौर पर पंजीकृत किया गया है। पार्टी ने मांग की है कि 7 दिसंबर को होने वाले मतदान से पहले ग्रेटर हैदराबाद म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन के 15 निर्वाचन क्षेत्रों के मतदान सूचियों को ‘सही’ किया जाए।

नकवी ने बताया कि तेलंगाना के हैदराबाद क्षेत्र में आने वाले अनेक विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता सूची में अवैध तरीके से रोहिंग्या घुसपैठियों के नाम को शामिल किया गया है। इन घुसपैठियों को देश की नागरिकता नहीं दी जा सकती है लेकिन सुनियोजित साजिश के तहत इन्हें फोटो मतदाता पहचान पत्र दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘इस सुनियोजित साजिश में एआईएमआई के साथ राज्य में सत्तारूढ़ टीआरएस और कांग्रेस भी शामिल है।’’

केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि एक साजिश के तहत एक खास वर्ग के लोगों के नाम बड़े पैमाने पर मतदाता सूची से हटाये गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि अनेक परिवार ऐसे हैं जहां एक परिवार में कई दर्जन नामों को जोड़ा गया है। नकवी ने कहा कि ऐसे में पार्टी ने चुनाव आयोग से आग्रह किया है कि इसकी जांच की जाए और गलत तरीके से शामिल किये गए नामों एवं रोहिंग्या मुसलमानों के नामों को सूची से हटाया जाए। (एजेंसी इनपुट के साथ)