सोमवार (8 अप्रैल) को जारी अपने संकल्प पत्र (Election Manifesto) में बीजेपी ने मुख्य रूप से 75 मुद्दों को अपनी वचनबद्धता में शामिल किया है। लेकिन, इस संकल्प पत्र में कुछ मुद्दे ऐसे हैं जो काफी अर्से से बीजेपी के चुनावी घोषणा पत्र का हिस्सा रहे हैं। इनमें से धारा 370, यूनिफॉर्म सिविल कोड और राम मंदिर सरीखे ऐसे मुद्दें हैं जो पिछले तीन दशकों से बीजेपी के घोषणा-पत्र का हिस्सा रहे हैं। 1980 में गठन के बाद 1984 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अपना पहली बार कश्मीर से धारा 370 हटाने का जिक्र अपने इलेक्शन मेनिफेस्टो में किया। लेकिन, 3 दशक बाद भी यह मुद्दा बीजेपी के चुनावी वादे का हिस्सा बना हुआ है।
धारा 370 के अलावा यूनिफॉर्म सिविल कोड एक ऐसा मुद्दा है जिसे बीजेपी ने 1989 के लोकसभा चुनाव में अपने घोषणा पत्र का हिस्सा बनाया। इतने साल बीत जाने के बाद भी यह मुद्दा चुनावी रूप से आज भी उतना ही प्रासंगिक है जो 30 साल पहले था। 2019 के संकल्प पत्र में ‘यूनिफॉर्म सिविल कोड’ अपनी जगह बनाए हुए है। इसके अलावा 1991 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने राम मंदिर का मुद्दा पहली बार अपने चुनावी मेनिफेस्टो में शामिल किया और तब से लेकर 2019 तक यह संकल्प पत्र का हिस्सा है।
दशकों पुराने इन मुद्दों को लेकर बीजेपी दोबारा अपने संकल्प पत्र के साथ 17वीं लोकसभा के चुनावी मैदान में उतरी है। हालांकि, गौर करने वाली बात यह है कि बीजेपी की चुनावी मुहिम इन्हीं पुराने मुद्दों पर आज भी आधारित है और देश में बहस इन्हीं मुद्दों को लेकर गरमाया हुआ है।

