समाजवादियों का गढ़ माने जाने वाली मुंगेर संसदीय सीट जद (एकी) के लिए प्रतिष्ठा वाली बनी है। यहां से जद (एकी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह चौथी बार चुनाव लड़ रहे हैं। उनके मुकाबले इंडिया गठबंधन से राजद उम्मीदवार अनिता देवी चुनाव समर में हैं। वे रेलवे की नौकरी से इस्तीफा देकर चुनाव मैदान में है। उनके पति अशोक महतो है। वे नवादा जेल से फरार होने और वारसलीगंज के अपसढ़ नरसंहार मामले में सजायाफ्ता हैं और करीब 17 साल जेल की सजा काटकर बीते साल छूटे हैं। चुनाव से ठीक पहले होली के दौरान खरमास में उन्होंने अनिता देवी से शादी की है।
यह तीसरा मौका है जब ललन सिंह का चुनावी जंग में बाहुबली की पत्नियों से सामना हो रहा है। वर्ष 2014 के चुनाव में बाहुबली सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी ने लोजपा के टिकट पर ललन सिंह को पराजित कर दिया था। वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव में ललन सिंह का सामना बाहुबली अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी से हुआ और वह हार गई थीं।
अनंत सिंह को बिहार में छोटे सरकार के नाम से भी पुकारा जाता है। वे अभी जेल में बंद है। नीलम कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ीं और हार गई थीं। जद (एकी) के टिकट पर चुनावी जंग में उतरे राजग उम्मीदवार की हैसियत से ललन सिंह को पांच लाख 28 हजार से ज्यादा मत मिले थे। जबकि नीलम देवी को तीन लाख 60 हजार से ज्यादा वोट पाकर हार गई थीं।
इस बार फिर मुकाबला सजायाफ्ता बाहुबली अशोक महतो की पत्नी अनिता देवी (राजद) से है। ललन सिंह 2009 में भी यहां से सांसद निर्वाचित हुए थे। उस वक्त इन्होंने राजद के राम बदन राय को हराया था। वे तीसरी बार यहां के सांसद बनने की मशक्कत कर रहे हैं। वे एक बार बेगूसराय से भी सांसद रह चुके हैं।
एमएलसी और राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके हैं। यहां 20 लाख 41 हजार से अधिक मतदाता है, जो 7 मई को अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। मुंगेर सीट से मधु लिमये जैसे दिग्गज समाजवादी नेता दो दफा संसद में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। 1971 में मधु लिमये को हराकर कांग्रेस के डीपी यादव जीते थे। उनको 1980 और 1984 में भी विजयश्री मिली थी।
1989, 1991 और 1999 में ब्रह्मानंद मंडल ने जीत हासिल की थी। 1962 में कांग्रेस के बनारसी प्रसाद सिन्हा, 1977 में जनता पार्टी के श्रीकृष्ण सिंह, 1988 में राजद के विजय कुमार विजय, 1989 में धनराज सिंह, 2004 में राजद के जयप्रकाश नारायण यादव चुनाव में फतह कर चुके हैं।