मुंगेर हिंसा को लेकर राजनैतिक बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। राजद प्रवक्ता मृत्युंजय सिंह ने आरोप लगाया कि मुंगेर हिंसा के दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए और सत्ताधारी लोग अब मां दुर्गा के भक्त बनने का प्रयास कर रहे हैं। दरअसल आजतक टीवी चैनल की एक डिबेट के दौरान राजद प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा और जदयू लाशों पर राजनीति करती हैं।
राजद नेता ने कहा कि “ये लोग जो अब मां दुर्गा के भक्त बनने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के समय जिस तरह से भक्तों पर गोलियां चलायी गईं, उन मांओं के बेटे ये लोग वापस नहीं कर सकते और इस पर राजनैतिक रोटी सेक रहे हैं।” मृत्युंजय सिंह ने आरोप लगाया कि “एसपी लिपि सिंह के रहते डीआईजी की हिम्मत नहीं थी कि वह एसपी के रहते मुंगेर घुस जाते। ये रौब और रसूख था उन एसपी का, क्योंकि उनके पिता जदयू के एक बड़े नेता हैं।”
डिबेट में मौजूद यूपी पुलिस के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने कहा कि किसी भी जुलूस से पहले पुलिस प्रशासन द्वारा ऐसी व्यवस्था की जाती है जिससे जुलूस के दौरान बल प्रयोग करने की नौबत ना आए। विक्रम सिंह ने कहा कि मुंगेर में मूर्ति विसर्जन करने गए लोग अपराधी नहीं थे और वो लोग शांतिपूर्ण तरीके से विसर्जन के लिए गए थे, ऐसे में यह कह देना कि लोगों की तरफ से गोली चली है, अविश्वसनीय है।
राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का दावा – मुंगेर की SP लिपि सिंह से डरते थे DIG
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विक्रम सिंह ने ये भी कहा कि प्रथम दृष्टया इस घटना में पुलिस दोषी है। इसके लिए मजिस्ट्रेट जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं ना हों। यूपी पुलिस के पूर्व डीजीपी ने बताया कि गोली चलाने का आदेश स्थानीय प्रशासनिक स्तर पर दिया जाता है। इसका ठीकरा चुनाव आयोग या फिर राज्य सरकार पर फोड़ना गलत है।
बता दें कि मुंगेर में आज फिर हिंसा भड़क गई। इस दौरान गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के वाहन समेत कई अन्य वाहनों में आग लगा दी। पुलिस ने इस मामले में 100 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है।