Badaun Lok Sabha Chunav: मंगलवार को लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में यूपी की दस सीटों पर वोट डाले जाएंगे। इन सीटों में बदायूं लोकसभा सीट भी शामिल है, जहां से सपा के दिग्गज नेता शिवपाल सिंह यादव के बेटे आदित्य यादव चुनाव लड़ रहे हैं। आदित्य यादव ने न्यूज एजेंसी PTI को दिए एक इंटरव्यू में अपने ऊपर लग रहे परिवारवाद के आरोपों को नाकार दिया।
उन्होंने कहा, “अगर मैं राज्यसभा का सदस्य होता या उत्तर प्रदेश विधान परिषद का सदस्य होता तो परिवारवाद के आरोपों मान लेता। हम लोगों के पास जाते हैं और चुनाव लड़ते हैं। अगर पब्लिक हमें पसंद करती है तो हमें जीताती है वरना हमें चुनाव में हार का सामना भी करना पड़ता है।”
आदित्य यादव ने आगे कहा कि अगर लोगों को लगता है कि उनपर परिवारवाद थोपा जा रहा है तो वो हमें घर पर भी बैठा सकते हैं। अगर जनता चाहे कि सियासी परिवारों से किसी को चुनाव लड़ना चाहिए तो यह क्षेत्र या लोकसभा के विकास में मददगार भी साबित हो सकता है।”
बदायूं में आदित्य का दुर्विजय सिंह के मुकाबला
बदायूं में मंगलवार को होने वाले मतदान में कुल 11 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। यहां मुख्यत: समाजवादी पार्टी के आदित्य यादव और बीजेपी के दुर्विजय सिंह के बीच मुकाबला है। आदित्य ने कहा की बदायूं से प्रत्याशी को लेकर कोई मतभेद नहीं था यह सब एक रणनीति के तहत की गई है।
गौरतलब है की सबसे पहले बदायूं लोकसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी ने शिवपाल यादव को उम्मीदवार बनाया था। बाद में सपा ने अपना उम्मीदवार बदलकर शिवपाल यादव के बेटे आदित्य यादव को टिकट दिया है।
‘जब परिणाम आएंगे तब बीजेपी की हवा निकल जाएगी’
एक सवाल का जवाब देते हुए आदित्य ने कहा कि भाजपा इस बार जो उत्तर प्रदेश के 80 लोकसभा सीट जीतने का जो दावा कर रही है, उसकी हवा निकल जायेगी। 2019 के लोकसभा चुनाव परिणाम को देखेंगे तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि कैसे विपक्षी दलों को 66% मत आने के बाद भी भाजपा बहुमत में आई थी। उन्होंने कहा कि इस बार इंडिया गठबंधन बनने से समीकरण बदल गया है, नतीजे हमारे पक्ष में होंगे। भाजपा के कई उम्मीदवारों का जमानत जब्त हो जाएगी।
बीजेपी को फायदा पहुंचाना चाहती है बीएसपी?
बसपा के बदायूं से प्रत्याशी उतारने पर आदित्य यादव ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। बसपा चाहती है कि विपक्ष के वोटों में बिखराव हो और उसका फायदा बीजेपी को पहुंचाया जाए। कांग्रेस और सपा गठबंधन को जीत मिलेगी। जनता बीएसपी के मनसूबे को समझ रही है। उन्होंने यह भी कहा की साल 2014 से पहले हर एक राजनीतिक दल के पास अपना वोट बैंक था लेकिन आज परिस्थिति बदल गई है। इंडिया और एनडीए में सीधा मुकाबला है।
(यह खबर जनसत्ता डॉट कॉम के साथ इंटर्नशिप कर रहे ज्योत प्रकाश ने एडिट की है। इनपुट – PTI)