उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ लोकसभा सीट से बीजेपी के प्रत्याशी दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ का एक न्यूज डिबेट में आत्मविश्वास इस कदर आसमान छू गया कि उन्होंने पैनलिस्टों को ही चुनौती दे डाली। टीवी 9 भारत वर्ष के एक शो के दौरान निरहुआ पैनलिस्टों के साथ उलझ पड़े। उन्होंने चैलज कर दिया कि दम है तो वे भी (पैनलिस्ट) उनकी तरह जनता के बीच आएं और बोलें की नरेंद्र मोदी से कोई बेहतर देश को चला सकता है, तो फिर लोग गठबंधन को वोट दें। हालांकि, शो के एंकर अजीत अंजुम ने कहा कि यह काम उनका नहीं बल्कि राजनीतिक दलों का है।
दरअसल, निरहुआ चैनल पर पैनलिस्टों के साथ बीतचीत अपने दो बयानों को लेकर बुरी तरह फंस गए थे। एक, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें कोई हराने वाला पैदा नहीं हुआ और वह भगवान का लिखा हुआ भी मिटा सकते हैं। जबकि, दूसरे बयान में उन्होंने कहा कि गठबंधन (सपा-बसपा) ‘मानवता का दुश्मन’ है। इन बयानों पर ही पैनल में मौजूद वरिष्ठ पत्रकार राहुल देव, जयशंकर गुप्ता, हेमंत शर्मा और डॉक्टर पुष्पेंद्र पंत ने अलग राय व्यक्त किया। अलग राय पर भी निरहुआ ने विपरीत टिप्पणी की। जब सवालों से वह घिरने लगे, तब उन्होंने हिंदी के महान कवि रामधारी सिंह दिनकर की एक कविता का हवाला दिया, जिसमें मनुष्य के मनोबल को सर्पोवरि बताया गया है।
निरहुआ पर आवेश बढ़ रहा था और वह पैनलिस्टों के सवालों तथा तर्कों से घिरते जा रहे थे। निरहुआ से बातचीत सिर्फ इस बात पर टिक गई कि उन्होंने सपा और बसपा को किस आधार पर ‘मानवता का दुश्मन’ करार दिया। हालांकि, इस संदर्भ में निरहुआ के पास कोई ठोस जवाब नहीं था। इस दौरान वह जातिगत समीकरण और आंकड़ों का हवाला देने वाले पत्रकारों को जरूर घेरने की कोशिश की। लेकिन, सवाल जस का तस बना रहा। आखिर में उनका आवेश और बढ़ गया और उन्होंने चुनौती दे डाली कि पैनलिस्ट और एंकर उनकी तरह मैदान में आएं और लोगों से कहें कि अगर मोदी से कोई बेहतर देश को चला सकता है, लोग मायावती और अखिलेश को वोट दें।

