सार्वजनिक कार्यक्रमों में पीएम मोदी का लुक, ड्रेस और टेक्नोलॉजी का उपयोग हमेशा से चर्चाओं में रहा है। कोई भी दौरा हो वहां की स्थानीय भाषा, कपड़े, टोपी, पगड़ी, कपड़ों का रंग, स्थानीय नायकों का जिक्र और टेक्नोलॉजी का सहारे पीएम लोगों को आकर्षित करते रहे हैं। इन सब का प्रयोग कुछ इस तरह से करते हैं कि विपक्ष के सामने एक बड़ी लकीर खींच जाती है। इन चीजों की चर्चा तो होती ही है, साथ ही जनता के मन में वो आसानी से अपनी जगह बना लेते हैं।
यूपी समेत चार राज्यों की जीत के बाद जब पीएम मोदी गुजरात पहुंचे तो सिर पर केसरिया टोपी पहन रखी थी, जिसपर गुजराती में बीजेपी लिखा हुआ था। इस दौरान उन्होंने लगभग नौ किलोमीटर तक रोड शो निकाला। इस दौरान दोनों ओर जबरदस्त भीड़ रही, कैमरों के अलग-अलग एंगल से प्रसारण होता रहा, पीएम के चेहरे पर जीत का उत्साह था और जनता उनके जिंदाबाद का नारा लगाती रही।
ऐसा पहली बार नहीं है। अभी गणतंत्र दिवस के दिन हर बार साफा यानि कि पगड़ी पहनने वाले पीएम मोदी एक अलग ही लुक में नजर में आए। पीएम उत्तराखंडी टोपी पहन रखे थे, साथ ही मणिपुरी गमछा भी उनके कंधे पर लटका हुआ था। लोगों के साथ-साथ विपक्ष ने भी इसे उत्तराखंड और मणिपुर के चुनाव से जोड़ा था। मतलब कार्यक्रम गणतंत्र दिवस का और संदेश चुनाव का।
ऐसे ही जब वो बनारस पहुंचे तो भगवा टोपी के साथ-साथ बनारसी गमछा, खादी की सदरी में नजर आए। पप्पू चायवाले की दुकान पर जाकर चाय भी पी। कहा जाता है कि पीएम मोदी के पहनावे ने ही उनका पूरा काम आसान कर दिया। वहीं जब वो पंजाब में रैली करने पहुंचे तो वहां वो सिख पगड़ी में नजर आए।
जब चुनाव आयोग में रैलियों पर प्रतिबंध लगाया तो बीजेपी की वर्चुअल रैली तुरंत शुरू हो गई। सभी विधानसभा क्षेत्रों में डिजिटल प्रचार वाहन घूमने लगे, विपक्ष इस मामले में बहुत पीछे रह गया और जनता एक बार फिर से बीजेपी की मुड़ती दिखी। सोशल मीडिया पर जितना बीजेपी एक्टिव है उतना शायद ही कोई दल है।