उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनावों में पहले चरण के लिए शनिवार को पश्चिमी इलाकों के 15 जिलों की कुल 73 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। मुसलिम बहुल इलाकों में होने वाले इस चरण के मतदान में कई राजनीतिक दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है। इन इलाकों के अधिकांश मतदान केंद्रों को संवेदनशील घोषित कर दिया गया है और चुनाव आयोग ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। पहले चरण में शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, आगरा, फिरोजाबाद, एटा और कासगंज जिलों की सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। पहले चरण के चुनाव के लिए 26,823 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। बूथों पर केंद्रीय बलों की तैनाती की गई है। बूथों के बाहर की सुरक्षा राज्य पुलिस के जिम्मे है। इस चुनाव में एक करोड़ 17 लाख महिलाओं समेत कुल दो करोड़ 60 लाख मतदाता वोट डालेंगे और 839 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। पहले चरण में मतदाताओं की संख्या के लिहाज से गाजियाबाद का साहिबाबाद सबसे बड़ा विधानसभा क्षेत्र है। एटा का जलेसर सबसे छोटा क्षेत्र है। आगरा दक्षिण सीट से सबसे ज्यादा 26 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। हस्तिनापुर से सबसे कम छह प्रत्याशी मैदान में हैं।

उत्तर प्रदेश में 11 फरवरी से आठ मार्च के बीच सात चरणों में वोट डाले जाएंगे। पहले चरण में विभिन्न पार्टियों के कई छत्रपों की प्रतिष्ठा दांव पर है। नोएडा सीट से भाजपा ने पंकज सिंह को खड़ा किया है। वे केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के पुत्र हैं। भाजपा सांसद हुकुम सिंह की बेटी मृगांका कैराना से, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा और कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता प्रदीप माथुर मथुरा सीट से व भाजपा के विधायक संगीत सोम और सुरेश राणा क्रम से सरधना और थाना भवन से चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा के पूर्व प्रांतीय अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी को मेरठ से टिकट दिया गया है। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव दामाद राहुल सिंह को समाजवादी पार्टी ने सिकंदराबाद से खड़ा किया है। राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह के पौत्र संदीप सिंह भाजपा के टिकट पर अतरौली से मैदान में हैं।

अधिकांश विधानसभा सीटें मुसलिम बहुल मतदाताओं वाली हैं। वर्ष 2013 में दंगों का दंश झेलने वाले मुजफ्फरनगर व शामली के जिले भी इनमें शामिल हैं। पहले चरण के चुनाव में मायावती दलित-मुसलिम वोट बैंक का समीकरण गढ़ना चाहती हैं। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कुल 136 सीटों में से सपा को 58 और बसपा को 39 सीटें मिली थीं। इन इलाकों में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम भी मुसलिम वोटरों को प्रभावित करने में जुटी है।
जिन इलाकों में वोट पड़ेंगे, उनमें से कई मतदान केंद्र संवेदनशील घोषित कर दिए गए हैं। मुजफ्फरनगर जिले के 887 में से छह सौ मतदान केंद्रों को संवेदनशील घोषित कर दिया गया है। यहां हर बूथ पर वीडियो कैमरे लगाए गए हैं। मुजफ्फरनगर और शामली में अर्द्धसैनिक बलों के छह हजार जवान तैनात किए गए हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने लखनऊ में कहा कि कैराना में जो भी लोग पलायन कर गए हैं, अगर वे अपने क्षेत्र में वोट डालना चाहेंगे तो प्रशासन उन्हें पूरी सुरक्षा और मदद मुहैया कराएगा। शराब बांटने पर रोक लगाने के लिए आबकारी विभाग ने अंतरराज्यीय और नेपाल से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चौकियां बनाई हैं। चुनाव आयोग ने पुलिस का विशेष प्रकोष्ठ गठित किया है, जो वाट्सऐप और अन्य सोशल मीडिया माध्यमों पर भेजे जाने वाले संदेशों पर नजर रखेगा।