मध्य प्रदेश चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की राहें अलग होती दिख रही हैं। कांग्रेस की तरफ से उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी गई है,लेकिन एक भी सपा उम्मीदवार को मैदान में नहीं उतारा गया। देश की सबसे पुरानी पार्टी की इस रवैये ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव को नाराज कर दिया है। उनकी नाराजगी तो इस स्तर की है कि वे अब मीडिया के सामने ही पूरे इंडिया गठबंधन पर तंज कस रहे हैं।
अखिलेश ने ऐसा क्या बोल दिया?
अखिलेश यादव ने मीडिया से बात करते हुए बोला है कि अगर ये मुझे पहले दिन पता होता कि विधानसभा स्तर पर कोई गठबंधन नहीं है INDIA का तो कभी मिलने नहीं जाते। हमारी पार्टी के लोग और न ही हम कभी सूची देते कांग्रेस के लोगों को। गठबंधन केवल उत्तर प्रदेश में केंद्र के लिए होगा तो उसपर विचार किया जाएगा। सपा प्रमुख अखिलेश ने इस बात पर भी जोर दिया कि उनके कार्यकर्ता देर रात तक कांग्रेस के साथ मीटिंग कर रहे थे। देर रात एक बजे तक बैठकें की गईं, लेकिन उसके बाद भी सपा को एक टिकट नहीं मिली।
इंडिया गठबंधन को 80 सीटों पर नुकसान!
अब अखिलेश यादव की ये नाराजगी मायने रखती है। अभी इस समय कांग्रेस को भी यूपी में लोकसभा चुनाव के दौरान सीटें चाहिए होंगी, अगर सपा ने तब कड़ा रुख दिखा दिया तो पूरे इंडिया गठबंधन के लिए ये चिंता का सबब बन जाएगा। दूसरी तरफ अगर कांग्रेस के रवैये से नाराज होकर अखिलेश यादव ने अलग होने का फैसला कर लिया, उस स्थिति में तो सीधे-सीधे 80 सीटों पर विपक्ष को बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है।
वैसे इससे पहले आम आदमी पार्टी की तरफ से भी इंडिया गठंबधन को बड़ा झटका दिया गया है। जब से मध्य प्रदेश और राजस्थान में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया गया है, कांग्रेस का गुस्सा भी सातवें आसमान पर चल रहा है। ऐसे में जमीन पर इंडिया गठबंधन के लिए समीकरण असल फाइनल से पहले बिगड़ते दिख रहे हैं।