लोकसभा चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन की राहें जहां दिल्ली और उत्तर प्रदेश में आसान होती नजर आ रही हैं वहीं महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में खेल अभी मुश्किल है। कांग्रेस का समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन तय हो गया है लेकिन पश्चिम बंगाल में पिछले दिनों टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी और कांग्रेस के बीच सबकुछ ठीक नजर नहीं आ रहा था वहीं महाराष्ट्र से भी अभी तक कुछ खास खबर सामने नहीं आई है।
बंगाल में क्या है मुश्किल?
पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के लिए टीएमसी को एक बार फिर बातचीत की टेबल पर लाना बहुत आसान नहीं दिख रहा है। सीट बंटवारे पर कांग्रेस के साथ बातचीत असफल होने के बाद टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी घोषणा की थी कि वह अकेले चुनाव लड़ेंगी। यह माना जा रहा है कि कांग्रेस बंगाल में 10 सीटें चाहती है लेकिन टीएमसी सिर्फ 2 सीटें देने पर राजी हो रही है। इसके अलावा अधीर रंजन चौधरी और ममता बनर्जी के बीच तल्खी की खबरें भी सामने आती रही हैं। इसके बावजूद कांग्रेस ने ममता बनर्जी के साथ बात बनाने के कई प्रयास किए हैं।
दोनों पार्टियों के बीच बात नहीं बनने के बाद जब राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा पश्चिम बंगाल पहुंची तो वहां ममता बनर्जी नहीं पहुंचीं। ममता बनर्जी ने बयान दिया था कि उन्हें कांग्रेस ने इनवाइट ही नहीं किया। जबकि कांग्रेस ने कहा था कि सभी पार्टियों को पहले ही इनवाइट किया जा चुका है।
महाराष्ट्र में क्या सीन है?
महाराष्ट्र में भी इंडिया गठबंधन ने अभी तक सीट-बंटवारे की योजना की घोषणा नहीं की है। कांग्रेस, शिवसेना (UBT) और एनसीपी (शरद पवार) के बीच चर्चा फिलहाल जारी है। ऐसा माना जा रहा है कि राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर उद्धव ठाकरे से बात की है। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस मुंबई की छह लोकसभा सीटों में से तीन- मुंबई दक्षिण मध्य, मुंबई उत्तर मध्य और मुंबई उत्तर पश्चिम पर चुनाव लड़ना चाहती है। वहीं उद्धव ठाकरे कथित तौर पर राज्य में 18 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं, जिनमें मुंबई की चार सीटें – मुंबई दक्षिण, मुंबई उत्तर पश्चिम, मुंबई उत्तर पूर्व और मुंबई दक्षिण मध्य शामिल हैं।
कांग्रेस की मुश्किलें पार्टी के तीन बड़े नेताओं–मिलिंद देओरा, अशोक चव्हाण और बाबा सिद्दीकी ने हाल ही में पार्टी का साथ छोड़ कर बढ़ा दी है। इसके अलावा इंडिया गठबंधन के लिए बड़ी चुनौती महाराष्ट्र की दोनों बड़ी पार्टियों–शिवसेना और एनसीपी–के दो धड़ों में बंट जाने से भी जुड़ी है।