2019 Lok Sabha Election से ठीक पहले उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने दो बड़े नेताओं को अपने पाले में कर लिया है। पहला झटका बीजेपी को लगा है तो दूसरा समाजवादी पार्टी को। 2014 में बीजेपी के टिकट पर बहराइच से सांसद चुनी गईं सावित्री बाई फुले और फतेहपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद रहे राकेश सचान ने शनिवार को कांग्रेस का दामन थाम लिया। फुले लंबे समय तक बगावती रुख अख्तियार करने के बाद बीजेपी से पिछले साल दिसंबर में ही इस्तीफा दे चुकी थीं। दोनों बड़े नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया की मौजूदगी में कांग्रेस ज्वॉइन की।
फुले ने मोदी सरकार पर बांटने की राजनीति करने और सरकारी पैसे को मूर्तियों-मंदिरों पर बर्बाद करने के आरोप लगाए थे। फुले को पूर्वी उत्तर प्रदेश में बड़े दलित नेताओं में शुमार किया जाता है। अपनी रैलियों में वे खुद के दम पर अच्छी-खासी भीड़ जुटा लेती हैं। बहराइच के आसपास के क्षेत्रों में उनकी मजबूत पकड़ है। फुले ने कहा दलित-पिछड़ा वर्ग विरोधी राजनीति के चलते लोगों ने बीजेपी को सत्ता से बाहर फेंकने का फैसला कर लिया है।

कांग्रेस में शामिल होने के बाद द संडे एक्सप्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘मुझे बाबा भीमराव अंबेडकर के बनाए संविधान की वजह से सांसद बनने का मौका मिला। लेकिन बीजेपी के राज संविधान भी खतरे में है। बीजेपी आरक्षण हटाना चाहती है और मेरा मानना है कि यदि राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी को ऐसा करने से कोई रोक सकता है तो वह कांग्रेस ही है, छोटे दल नहीं। इसीलिए मैंने कांग्रेस में शामिल होने का फैसला किया।’
रिपोर्ट्स के मुताबिक राकेश सचान एक बार फिर अपनी पुरानी सीट फतेहपुर से टिकट चाहते थे लेकिन गठबंधन के चक्कर में यह सीट बहुजन समाज पार्टी के खाते में चली गई। इससे नाराज होकर उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने का फैसला कर लिया। लोकसभा चुनाव में दमदार प्रदर्शन के लिए कांग्रेस छोटे दलों और बड़े नेताओं पर फोकस कर रही है। उल्लेखनीय है कि फुले से पहले बीजेपी विधायक अवतार सिंह भड़ाना भी पिछले महीने प्रियंका की मौजूदगी में कांग्रेस ज्वॉइन कर चुके हैं।

