2019 Lok Sabha Eleciton Dates का ऐलान होने से ठीक पहले मध्य प्रदेश में कमल नाथ सरकार ने कंप्यूटर बाबा को बड़ा पद दिया है। शिवराज सरकार में राज्य मंत्री का दर्जा रखने वाले बाबा ने चुनाव से ऐन पहले कांग्रेस का दामन थाम लिया था। चुनाव जीतने के बाद उन्हें प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने ‘रिवर ट्रस्ट’ (नदी न्यास) के चेयरमैन नियुक्त किया है। उन्हें 8 मार्च को मां नर्मदा, मां क्षिप्रा और मां मंदाकिनी नदी न्यास की जिम्मेदारी दी गई है।

राज्य सरकार में बनाए गए नए आध्यात्मिक विभाग ने रविवार को इस फैसले को सार्वजनिक किया है। एक अधिकारी के हवाले से इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा है, ‘आचार संहित लगने वाली थी। ऐसे में बाकी की चीजों पर बाद में फैसला लिया जाएगा।’ अभी उन्हें किसी तरह का मंत्री स्तरीय दर्जा देने पर फैसला नहीं लिया गया है।

कंप्यूटर बाबा ने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता अवैध खनन रोकने और तीनों नदियों को स्वच्छ बनाने की होगी। इसके लिए नदी किनारे रहने वाले लोगों की समितियां बनाएंगे। पाला बदलकर कांग्रेस में आने पर उन्होंने कहा, ‘पिछली सरकार ने अवैध खनन रोकने के लिए कुछ नहीं किया। नई सरकार ने मुझे इसके लिए कानून बनाने का आश्वासन दिया है, इसलिए मैंने इसे स्वीकार किया।’

पहले कांग्रेस ने किया था विरोधः मध्य प्रदेश की सियासत में बड़ी शख्सियत माने जाने वाले कंप्यूटर बाबा का मूल नाम नामदेव त्यागी है। अप्रैल 2018 में तत्कालीन शिवराज सरकार ने भी उन्हें राज्यमंत्री का दर्ज दिया था। उनके साथ-साथ बीजेपी ने कुल पांच बाबाओं को राज्यमंत्री पद का दर्जा दिया था। इस फैसले का तत्कालीन विपक्षी दल कांग्रेस ने कड़ा विरोध किया था।