World Photography Day 2022: “एक तस्वीर हजार शब्दों के बराबर होती है!” अगर इस महान कथन में हज़ारों की जगह अनगिनत शब्दों का प्रयोग होता तो भी तस्वीर की विशिष्टता को व्यक्त नहीं किया जा सकता। तस्वीर भावनाओं, कलाओं, शब्दों और कथनों को व्यक्त करने का सबसे सटीक और प्रभावशाली माध्यम है। कैमरा और मोबाइल फ़ोन तस्वीरों को आसानी से खींचने का सबसे सरल माध्यम बन गए हैं। फोटोग्राफ़ी की शुरुआत 18वीं सदी के शुरुआती दशक से ही हो गई थी, जो आज की तुलना में अत्यधिक जटिल और खर्चीली थी। समय के साथ हुए बदलाव और वैज्ञानिक प्रगति ने फोटोग्राफ़ी में क्रांति ला दी।

आज 19 अगस्त को सम्पूर्ण विश्व में विश्व फोटोग्राफ़ी दिवस मनाया जा रहा है। आइए आपको बताते हैं फोटोग्राफ़ी से जुड़े कुछ जाने अनजाने तथ्य..

1. पहला आधिकारिक विश्व फोटोग्राफी दिवस 19 अगस्त, 2010 को मनाया गया ।

2. 19 अगस्त 2010 में ऑस्ट्रेलिया के एक फोटोग्राफर ने अपने साथी फोटोग्राफरों के साथ मिलकर उनकी तस्वीरें ऑनलाइन गैलरी के जरिए लोगों के सामने पेश की, तब से हर साल 19 अगस्त को विश्व फोटोग्राफ़ी दिवस मनाया जाता है।

3. 1926 में फ्रेंच वैज्ञानिक जोसेफ नाइसफोर ने पहली तस्वीर ली जिसको कैद करना संभव हो सका। उस समय तस्वीरों को क़ैद करने के लिए चाँदी और ताँबे जैसी धातुओं का प्रयोग किया जाता था।

4. 1837 में फ्रांसीसी डॉगेर (Louis Daguerre) और जोसेफ नाइसफोर नीपसे (Joseph Nicephore Niepce) ने एक फोटोग्राफिक प्रक्रिया डॉगोरोटाइप (Daguerreotype) का आविष्कार किया जो फोटोग्राफ़ी की दुनिया में सबसे बड़ा अविष्कार माना जाता है।

5. फ्रांसीसी सरकार ने 19 अगस्त, 1839 को डागुएरियोटाइप प्रक्रिया (Daguerreotype process) का पेटेंट खरीदा था इसीलिए आज ही के दिन विश्व फोटोग्राफी दिवस मनाया जाता है।

6. डागुएरियोटाइप प्रक्रिया को फ़्रान्स सरकार ने संपूर्ण विश्व के लिए मुफ़्त घोषित कर दिया था। फ्रांस सरकार के इस निर्णय ने फोटोग्राफी को विश्व के लोगों की पहुंच में ला दिया।