UPSC Success Story: देश की सबसे कठिन परीक्षा पास करने के लिए कठिन परिश्रम के साथ ही कामयाबी पाने का जज्बा भी होना चाहिए। मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के रहने वाले उमेश लबाना ने दृष्टि बाधित होने के बावजूद भी सिविल सेवा परीक्षा 2021 में 397वीं रैंक हासिल की है। उन्होंने राह में आने वाली सभी रुकावटों का डटकर सामना किया और आखिर में सपना पूरा कर दिखाया। इस सफलता में उनके माता-पिता का भरपूर सहयोग रहा है।
उमेश ने कक्षा 9वीं के दौरान ही अपनी आंखों की रोशनी खो दी थी। उन्हें यह भी भरोसा नहीं था कि वह 10वीं और 12वीं की पढ़ाई पूरी कर सकेंगे। हालांकि, उनके माता-पिता और भाई ने पूरा सहयोग किया और पढ़ाई जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया। इसी बीच शमशेर स्कूल में निदेशक दिनेश सूद, जो स्वयं दृष्टिबाधित थे, उन्होंने उमेश को शिक्षा प्राप्त करने की सही तकनीक बताई।
जेएनयू से की पीएचडी
उमेश की पढ़ाई लिखाई की बात करें तो उन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से राजनीतिक विज्ञान में एमए किया है। दृष्टि बाधित होने के बावजूद भी वह सारी पढ़ाई लैपटॉप से किया करते थे। उन्होंने मास्टर्स के पहले सेमेस्टर में यूजीसी नेट और दूसरे सेमेस्टर में जेआरएफ भी क्लियर कर लिया था। इसके बाद उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में ब्रेल लिपि के सहारे पीएचडी शुरू कर दी।
सेल्फ स्टडी से पाई सफलता
उमेश ने दृष्टि बाधित होने के चलते सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई सुविधाओं की मदद से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की है। इसके अलावा वह पढ़ाई के लिए लैपटॉप और मोबाइल पर स्क्रीनिंग रीडर सॉफ्टवेयर का भी इस्तेमाल करते थे। उन्होंने यूपीएससी एग्जाम में मिली कामयाबी से न केवल परिवार वालों का बल्कि पूरे गांव का नाम रोशन कर दिया।
