UPSC Success Story: सिविल सेवा परीक्षा में हर साल लाखों लोग शामिल होते हैं। हालांकि, कुछ ही लोग इस परीक्षा में सफलता हासिल कर पाते हैं। यूपीएससी एग्जाम में बैठने वाले अधिकांश अभ्यर्थियों की कहानी बेहद प्रेरणादायक होती है। ऐसी ही एक कहानी है अरुणा एम की, जिन्होंने तमाम अड़चनों के बावजूद भी कभी हार नहीं मानी और आखिर में सफलता का परचम लहराया।
पिता ने पढ़ाई के लिए लिया कर्ज
अरुणा मूल रूप से कर्नाटक की रहने वाली हैं और उनके पिता पेशे से किसान थे। वह अपने बच्चों को पढ़ा लिखा कर आत्मनिर्भर बनाना चाहते थे। बच्चों की शिक्षा के लिए उन्होंने कर्ज भी लिया था लेकिन वह इसे चुका नहीं पाए और आत्महत्या कर ली। तब अरुणा इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही थीं। हालांकि, इस घटना के बाद अरुणा ने समाज सेवा का मन बनाया। वह देश के किसानों की सेवा करके अपने पिता की खोई हुई मुस्कान पाना चाहती थीं।
पांच बार मिली असफलता
अरुणा ने साल 2014 से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी। उन्हें इस कठिन परीक्षा में लगातार पांच बार असफलता का सामना करना पड़ा। हालांकि, उन्होंने कभी हार नहीं मानी और तैयारी जारी रखी। फिर साल 2021 में यूपीएससी के छठे अटेम्प्ट में उन्होंने 308वीं रैंक के साथ सफलता हासिल कर ही ली। बता दें कि अरुणा बैकवर्ड क्लास से आती हैं लेकिन उन्होंने अपने जीवन में कभी भी आरक्षण का सहारा नहीं लिया।
युवाओं के लिए खोली कोचिंग
अरुणा ने बेंगलुरु में अपने नाम से एक एकेडमी भी शुरू की। यहां वह युवाओं को यूपीएससी परीक्षा में बैठने के लिए प्रोत्साहित करती थीं। साथ ही सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए उन्होंने हर संभव मदद भी की। अरुणा का कहना है कि यूपीएससी क्लियर करके उन्होंने अपने पिता का सपना तो पूरा कर लिया लेकिन देश के किसानों की सेवा करने का उनका सपना अब शुरू होगा।