उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) ने शनिवार को ग्रेजुएट लेवल भर्ती परीक्षा रद्द करने की घोषणा की है। यह फैसला तब लिया गया जब परीक्षा के प्रश्नपत्र की तीन पन्ने कथित रूप से हरिद्वार के एक परीक्षा केंद्र से लीक हो गए। इस घटना के बाद पूरे राज्य में हड़कंप मच गया और अभ्यर्थियों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
आयोग के अध्यक्ष जी. एस. मार्तोलिया ने बताया कि “21 सितंबर को आयोजित ग्रेजुएट लेवल परीक्षा, जो विभिन्न सरकारी विभागों में 416 पदों पर भर्ती के लिए हुई थी, उसे रद्द किया जा रहा है। नई परीक्षा तीन महीने के भीतर कराई जाएगी, जिसकी तिथि जल्द घोषित की जाएगी।”
सूत्रों के अनुसार, यह परीक्षा करीब 1 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने दी थी। पेपर लीक की सूचना सामने आते ही कई परीक्षा केंद्रों पर अफरा-तफरी मच गई। अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि यह राज्य की भर्ती प्रणाली पर गहरा सवाल उठाता है।
इस घटना के बाद उत्तराखंड बेरोजगार संघ के बैनर तले अभ्यर्थियों ने देहरादून सहित कई जिलों में विरोध रैली निकाली और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। बढ़ते दबाव के बीच राज्य सरकार ने मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी है।
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब उत्तराखंड में भर्ती परीक्षा पेपर लीक विवादों में आई है। इससे पहले भी वन रक्षक और सचिवालय भर्ती परीक्षाओं में अनियमितताओं के मामले सामने आ चुके हैं। सरकार ने भरोसा दिलाया है कि दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा और परीक्षा प्रणाली को पारदर्शी बनाने के लिए नए सुरक्षा मानक लागू किए जाएंगे।
भर्ती परीक्षा से जुड़े मुख्य बिंदु
21 सितंबर को हुई परीक्षा रद्द
416 पदों के लिए 1 लाख से अधिक अभ्यर्थी हुए थे शामिल
पेपर लीक हरिद्वार केंद्र से हुआ
अभ्यर्थियों का राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन
सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की
तीन महीने में दोबारा परीक्षा आयोजित होगी